15 महीने की देरी के बाद भारतीय सेना में Apache Helicopters की एंट्री, जोधपुर में होगी पहली तैनाती

By एकता | Jul 20, 2025

15 महीनों की लंबी देरी के बाद, भारतीय सेना को आखिरकार उसके पहले अपाचे AH-64E लडाकू हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार, अगले दो दिनों में इन शक्तिशाली हेलीकॉप्टरों की पहली खेप भारतीय सेना में शामिल हो जाएगी। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद है कि आज या कल में तीन अपाचे हेलीकॉप्टर जोधपुर पहुंच जाएंगे। आपूर्ति और सेना में शामिल करने से पहले एक संयुक्त प्राप्ति निरीक्षण (JRI) किया जाएगा।


कुल छह अपाचे हेलीकॉप्टरों में से यह शुरुआती तीन इकाइयां होंगी। जोधपुर में पहले से ही एक स्क्वाड्रन स्थापित किया जा चुका है, जहां इन हेलीकॉप्टरों को पश्चिमी सीमा पर तैनात किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में भारतीय सेना की मारक क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा।

 

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अपाचे हेलीकॉप्टर इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

AH-64E अपाचे दुनिया के सबसे उन्नत लडाकू हेलीकॉप्टरों में से एक है। इसे विशेष रूप से दुश्मन के इलाकों में सटीक और शक्तिशाली हमले करने के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित, अपाचे वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल, मिस्र जैसे कई देशों की सशस्त्र सेनाओं द्वारा उपयोग किया जा रहा है, और अब भारत भी इसका एक प्रमुख उपयोगकर्ता बन गया है।


भारत ने सबसे पहले 2015 के एक समझौते के तहत भारतीय वायु सेना के लिए 22 अपाचे हेलीकॉप्टर हासिल किए थे। अब शामिल किए जा रहे ये छह नए हेलीकॉप्टर विशेष रूप से भारतीय सेना के विमानन कोर के लिए हैं, जो जमीनी अभियानों में सेना को अभूतपूर्व हवाई सहायता प्रदान करेंगे।

 

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अपाचे हेलीकॉप्टर की विशेषताएं

बोइंग के अनुसार, अपाचे 'नवीनतम संचार, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणालियों' से लैस है, जो इसे युद्ध के मैदान में एक दुर्जेय शक्ति बनाता है।

उन्नत लक्ष्यीकरण प्रणाली: इसमें एक आधुनिकीकृत लक्ष्य प्राप्ति पदनाम प्रणाली (MTADS) है। यह पायलटों को दिन और रात, साथ ही बारिश, धूल या कोहरे जैसी कम दृश्यता वाली स्थितियों में भी लक्ष्यों की सटीक पहचान करने और उन पर हमला करने में मदद करती है।

घातक शस्त्रागार: यह हेलीकॉप्टर एक शक्तिशाली 30 मिमी चेन गन से लैस है। इसके अलावा, सटीक हमलों के लिए इसमें लेजर और रडार-निर्देशित हेलफायर मिसाइलें और कई जमीनी लक्ष्यों को भेदने में सक्षम रॉकेट पॉड्स भी हैं।

लॉन्गबो रडार: रोटर के ऊपर लगा लॉन्गबो रडार अपाचे को बिना किसी प्रत्यक्ष संपर्क के खतरों का पता लगाने, उन्हें ट्रैक करने और प्राथमिकता देने की क्षमता देता है। यह इसे 'फायर एंड फॉरगेट' क्षमता प्रदान करता है।

बेजोड स्थिरता और चपलता: AH-64E को सबसे कठिन अभियानों के लिए बनाया गया है। यह शक्तिशाली इंजनों, मजबूत रोटर ब्लेड्स और उन्नत उत्तरजीविता प्रणालियों के माध्यम से युद्धक्षेत्र में बेहतरीन चपलता और स्थायित्व का संयोजन करता है। इसे नीची उडान भरने, तेजी से हमला करने और सुरक्षित रूप से वापस लौटने के लिए डिजाइन किया गया है - यहां तक कि सबसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में भी।


यह कदम भारतीय सेना की हवाई शक्ति को महत्वपूर्ण रूप से बढाएगा और पश्चिमी सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमारी तैयारियों को और मजबूत करेगा।

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