Subrata Roy की मौत के बाद जानें कौन होगा उनका वारिस, किसके हाथ में होगा Sahara

By रितिका कमठान | Nov 15, 2023

भारतीय बिजनेस इंडस्ट्री का शानदार नाम सुब्रत रॉय जो किसी समय में टाइम मैगजीन में जगह पाने में सफल रहा था, का 14 नवंबर की देर रात को निधन हो गया है। वर्ष 2004 में टाइम मैगजीन ने सहारा ग्रुप को सबसे बड़े नौकरी देने वाले ग्रुप के तौर पर जगह दी थी। ये वो मौका था जब सहारा में लगभग 12 लाख कर्मचारी काम करते थे। 

सुब्रत रॉय के सितारे बुलंदियों पर थे जब उन्होंने महज 2000 रुपये से काम की शुरुआत की और लाखों करोड़ रुपये कमाने में उन्होंने सफलता हासिल की। वर्ष 2015 में फोर्ब्स की लिस्ट में उनका नेथवर्थ 10 अरब डॉलर दर्ज किया गया था। सहारा के दावों के मुताबिक उनकी नेटवर्थ 2.59 लाख करोड़ रुपये की है।

 आमतौर पर सहारा श्री के नाम से जाने जाने वाले सूरत राय ने अपने उत्तराधिकारी का नाम घोषित नहीं किया था। सुब्रत राय के निधन के बाद कंपनी ने उनके उत्तराधिकारी के संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं की है। वैसे बता दें कि सुब्रत रॉय अपने पीछे पत्नी और दो बच्चे छोड़ गए है। ऐसे में संभावना है कि सहारा ग्रुप कारोबार इनके हाथ में ही जाएगा। सहारा समूह किसी समय में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाला समूह हुआ करता था। हालांकि कानूनी विवाद में फंसकर कंपनी की तरक्की रुक गई। कंपनी के मुताबिक सहारा ग्रुप के पास 9 करोड़ निवेशक है। सहारा कंपनी के 5000 से ज्यादा ऑफिस, माल और बिल्डिंग देशभर में है। कंपनी के पास अरबों रुपए की जमीन देश विदेश में है। कंपनी रियल स्टेट फाइनेंस इंफ्रास्ट्रक्चर मीडिया एंटरटेनमेंट हेल्थकेयर हॉस्पिटैलिटी रिटेल और इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम कर रही है। 

सहारा कंपनी के परिवार में कुल 11 लाख कर्मचारी काम करते हैं। सहारा लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट टीम की स्पॉन्सर भी रही है। इसके अलावा इंडियन प्रीमियर लीग में पुणे वॉरियर्स नाम की टीम की फ्रेंचाइजी भी सहारा के पास ही है। 

 दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन

सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। कंपनी ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। रॉय ने खुदरा, रियल एस्टेट और वित्तीय सेवा क्षेत्रों में एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य खड़ा किया। हालांकि वह एक बड़े विवाद के केंद्र में भी रहे और उन्हें अपने समूह की कंपनियों के संबंध में कई नियामक और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा, जिन पर बहु-स्तरीय विपणन योजनाएं बनाने के लिए नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाया गया था। कंपनी ने कहा कि उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार को उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बयान के अनुसार, उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित विभिन्न बीमारियों से लंबे समय से जूझ रहे सुब्रत रॉय का दिल का दौरा पड़ने के कारण रात साढ़े 10 बजे निधन हो गया।