मणिकर्णिका विवाद को लेकर कंगना और कृष के बीच लगी आग में घी डालने पहुंचे असरानी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 30, 2019

मुम्बई। फिल्म ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ के सह निर्देशक कृष के कंगना रनौत पर फिल्म पर अपना हक जमाने और जबरन उसका निर्देशन करने का आरोप लगाने के बाद अब अपूर्वा असरानी ने भी अदाकारा पर हमला बोला है। असरानी और कंगना दोनों ने फिल्म ‘सिमरन’ का लेखन किया था। असरानी ने कंगना पर 2017 में आई फिल्म ‘सिमरन’ में उनके काम को कमतर करने का आरोप लगाया है। दो वर्ष से कंगना और असरानी के बीच इसको लेकर वाकयुद्ध जारी है और अब लेखक-संपादक खुलकर कृष के समर्थन में सामने आ गए हैं।

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गौरतलब है कि कंगना ने कृष के, फिल्म के बचे हुए हिस्से की दोबारा शूटिंग पूरी करने के लिए उपलब्ध ना होने पर फिल्म का निर्देशन करने की बात कही थी। लेकिन निर्देशक कृष ने इन सभी दावों को खारिज कर कहा कि उन्होंने एकसाथ शूटिंग शुरू की। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म को ठीक से पूरा नहीं किया गया। असरानी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘मणिकर्णिका...’ का भी दुर्भाग्यवश ‘सिमरन’ वाला हाल हुआ। लेखक ने कृष को कंगना के खिलाफ बोलने के लिए आगाह भी किया। असरानी ने कहा, ‘‘भाई कृष को सबसे अधिक नुकसान इससे पहुंचेगा कि वह आपकी विश्वसनीयता को खत्म करने के लिए एक भद्दा अभियान चलाएगी।’’

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उन्होंने लिखा, ‘‘उससे भी बुरा यह है कि मीडिया का एक बड़ा धड़ा, विशेषकर तथाकथित नारीवादी हमारे पक्ष को नजरअंदाज कर देंगे जैसा कि उन्होंने केतन मेहता के समय किया था....।’’ असरानी ने लिखा, ‘‘निर्देशक कृष ने पर्दाफाश किया कि कैसे कंगना ने मणिकर्णिका को ‘हाइजैक’ किया। ऐसा ही उन्होंने ‘सिमरन’ में किया था।’’ असरानी ने फिल्म के निर्देशक पर भी कंगना के साथ मिलकर उनपर निशाना साधने का आरोप लगाया। साथ ही कृष की मामले को सामने लाने के लिए सराहना भी की। मामले पर अपना पक्ष रखते हुए हंसल मेहता ने कहा ‘‘ जहां तक मुझे पता है यह बात अब खत्म हो चुकी है। असरानी ने अपना पक्ष रखने की ठानी क्योंकि कंगना से जुड़े विवाद में लोग उन्हें बार-बार खींचते रहते हैं।’’

मेहता ने कहा, ‘‘ फिल्म के दौरान जो हुआ, वह मेरी जिंदगी का हमेशा दर्द भरा हिस्सा रहेगा जिसे शायद कभी जीवनी में जगह मिले लेकिन वह सोशल मीडिया पर लोगों के जहर उगलने का स्रोत कभी नहीं बनेगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘ मैं फिल्म की रिलीज से पहले चुप रहा क्योंकि फिल्म को नुकसान पहुंचाने का कोई मतलब नहीं था .... आखिरकार उससे कई लोगों की आजीविका जुड़ी थी। मैं फिल्म रिलीज होने के बाद भी इसलिए चुप रहा क्योंकि मैं संतुष्ट था कि अंतत: फिल्म रिलीज हो गई और मुझे उस सबसे दोबारा गुजरने की जरूरत नहीं है जो मैंने झेला। मुझे अपनी समझदारी से आगे बढ़ना था।’’ निर्देशक-निर्माता पूजा भट्ट ने भी कृष समर्थन किया है।

 

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