मिर्जा गालिब के अशरार को सिर्फ भारत में ही सही मायने मिले : अख्तर

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[email protected] । Jan 30 2019 1:21PM

गालिब की दीवार पर उकेरी गई तस्वीर के अनावरण के दौरान अख्तर ने कहा ‘‘गालिब को केवल भारत में ही समझा जा सकता था...भारत के बाहर नहीं...।’’

मुम्बई। जाने माने लेखक एवं गीतकार जावेद अख्तर का कहना है कि ऊर्दू शायरी के अज़ीमों शान फ़नकार मिर्जा गालिब के अशरार को सिर्फ भारत में ही सही मायने मिले। गालिब की दीवार पर उकेरी गई तस्वीर के अनावरण के दौरान अख्तर ने कहा ‘‘गालिब को केवल भारत में ही समझा जा सकता था...भारत के बाहर नहीं...।’’

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘उनके विचारों और उनके काम के पीछे छिपे मतलब को यहीं समझा जा सकता था, किसी और देश में नहीं।’’ अख्तर ने कहा कि गालिब और ताजमहल भारतीय दर्शन और फारसी संस्कृति का ‘‘मिलाजुला रूप’’ हैं और इन खूबसूरत समायोजनों को हमेशा ही संरक्षित रखा जाना चाहिए।

मिर्जा गालिब की शायरियां- 

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