By नीरज कुमार दुबे | Jun 25, 2025
ऑपरेशन सिंदूर की अपार सफलता के बाद मोदी सरकार ने सीडीएस अनिल चौहान का कद बढ़ाते हुए उनकी जिम्मेदारियों में बड़ा इजाफा किया है। हम आपको बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने हेतु प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान को संयुक्त निर्देश एवं संयुक्त आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया है। यह उस पुरानी प्रणाली में किया गया परिवर्तन है, जिसमें दो या अधिक सेनाओं से संबंधित निर्देश/आदेश प्रत्येक सेना द्वारा अलग-अलग जारी किए जाते थे। यह कदम सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच बेहतर तालमेल और संयुक्तता के लिए 'थिएटराइजेशन मॉडल' को लागू करने के सरकार के प्रयासों के बीच उठाया गया है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि संयुक्त निर्देशों और संयुक्त आदेशों के 'अनुमोदन, प्रकाशन और क्रमांकन' पर पहला संयुक्त आदेश मंगलवार को जारी किया गया।
इस आदेश में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, अतिरेक को समाप्त करने तथा अंतर-सेवा सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। रक्षा मंत्रालय ने सीडीएस को शक्तियां प्रदान करने को सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और परिवर्तन की दिशा में एक बड़े कदम के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस और सैन्य मामलों के विभाग के सचिव को तीनों सेनाओं के लिए संयुक्त निर्देश और संयुक्त आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया है।’’ मंत्रालय ने कहा कि यह पहल तीनों सेनाओं में बेहतर पारदर्शिता, समन्वय और प्रशासनिक दक्षता की नींव रखेगी। हम आपको बता दें कि थियेटराइजेशन मॉडल के तहत सरकार सेना, वायुसेना और नौसेना की क्षमताओं को एकीकृत करना चाहती है तथा युद्धों और अभियानों के लिए उनके संसाधनों का इष्टतम उपयोग करना चाहती है।
हम आपको यह भी बता दें कि 30 सितंबर 2022 को भारत के दूसरे Chief of Defence Staff (CDS) बने अनिल चौहान भारत के पहले ऐसे CDS हैं, जिन्हें सेवानिवृत्ति (मई 2021) के बाद फिर से फोर-स्टार रैंक पर नियुक्त किया गया। इस नियुक्ति के साथ उन्होंने त्रि-सेवा समन्वय, Department of Military Affairs के सचिव तथा Chiefs of Staff Committee के स्थायी अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाला। हम आपको बता दें कि जनरल अनिल चौहान का 1981 में 11 गोरखा राइफल्स में कमीशन हुआ था। उन्होंने "ऑपरेशन सनराइज" (भारत–म्यांमार समन्वित अभियान) और बालाकोट स्ट्राइक की रणनीति निर्माण में भी अहम भूमिका निभाई थी। CDS के रूप में उन्होंने थिएटराइजेशन को आगे बढ़ाते हुए त्रि-सेवा सहयोग को मजबूत किया। ऑपरेशन सिंदूर का भी उन्होंने कुशलता के साथ संचालन किया था।