By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 11, 2017
उम्मीदवारों द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के फर्जी प्रमाणपत्र का इस्तेमाल करने पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के गंभीर संज्ञान लेने के बीच एआईसीटीई ने ऐसे मामलों का डाटाबेस तैयार करने का निर्णय किया है ताकि इसकी रोकथाम के उपाय किये जा सकें। हजारों की संख्या में इंजीनियरिंग कालेजों एवं संस्थानों को भेजे परिपत्र में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कहा है कि भारत सरकार शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले के लिए एससी, एसटी और ओबीसी के फर्जी प्रमाणपत्रों के इस्तेमाल की शिकायतों पर काफी चिंतित है।
परिषद ने कहा कि भारत सरकार की ओर से व्यक्त गंभीर चिंता को देखते हुए सभी संस्थाओं से ऐसे मामलों की पहचान के लिए तंत्र तैयार करने को कहा गया है जहां दाखिले की प्रक्रिया के दौरान ही फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के उपयोग की पहचान की जा सके। इन संस्थाओं से ऐसे मामलों का सालाना आधार पर आंकड़ा साझा करने को कहा गया है।