अफगानिस्तान संकट पर अजित डोभाल की अगुवाई में NSA की बैठक, चीन और पाक नहीं होंगे शामिल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 10, 2021

नयी दिल्ली। अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और ताजिकिस्तान तथा उज्बेकिस्तान के उनके समकक्षों ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान की नयी सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त करने से पहले देश के भीतर स्वयं को वैध बनाने का प्रयास करना चाहिए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डोभाल ने उज्बेकिस्तान के सुरक्षा काउंसिल के सचिव विक्टर मख्मुदोव और ताजिकिस्तान के सुरक्षा परिषद के सचिव नसरुल्लो रहमतजोन महमूदजोदा के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता की जिसमें अफगानिस्तान के घटनाक्रम, अफगान धरती से आतंकवाद के संभावित खतरे और युद्ध से जर्जर देश में मानवीय संकट मुख्य मुद्दा रहा।

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मख्मुदोव और महमूदजोदा अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में हिस्सा लेने दिल्ली आए हुए हैं। बुधवार को होने वाली इस वार्ता की अध्यक्षता डोभाल करेंगे। अफगानिस्तान पर तालिबान के पूर्ण नियंत्रण के बाद वहां से बढ़ रहे आतंकवाद, कट्टरपंथ और मादक पदार्थों की तस्करी के खतरों से निपटने के लिए ठोस सहयोग पर समान विचार बनाने के लक्ष्य से भारत इस वार्ता की मेजबानी कर रहा है। उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में रूस, ईरान, कजाख्स्तान, किर्जिज्तान और तुर्कमेनिस्तान के शीर्ष सुरक्षा अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।

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इस वार्ता में हिस्सा लेने के लिए चीन को भी न्योता भेजा गया था लेकिन उसने पहले ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए शामिल होने से असमर्थता जतायी है। पाकिस्तान भी इस वार्ता में शामिल नहीं हो रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि डोभाल और मख्मुदोव के बीच बातचीत के दौरान दोनों पक्षों को लगा कि अफगानिस्तान के भीतर किसी भी अफगान सरकार को वैधता मिलना, उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि दोनों शीर्ष अधिकारी इस बात पर भी राजी हुए कि पड़ोसी देश अफगानिस्तान में रचनात्मक भूमिका निभाएं और उन्होंने युद्ध से जर्जर देश में दीर्घकालिक आर्थिक विकास की जरुरत पर बल दिया। सूत्रों ने बताया कि द्विपक्षीय बातचीत में डोभाल और महमूदजोदा ने अफगानिस्तान पर विस्तार से एक-दूसरे से विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी मख्मुदोव से भेंट की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘उज्बेकिस्तान के सुरक्षा परिषद के सचिव विक्टर मख्मुदोव की मेजबानी करके अच्छा लगा। अफगानिस्तान पर विचारों के आदान-प्रदान का स्वागत है। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की भी समीक्षा की।

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