फिल्म ''केसरी'' 21 सिख सैनिकों की बहादुरी की गौरव गाथा है, अक्षय की उम्दा एक्टिंग

By रेनू तिवारी | Mar 26, 2019

'आज मेरी पगड़ी भी केसरी, जो बहेगा मेरा लहू भी केसरी और मेरा जवाब भी केसरी' अक्षय कुमार का ये डायलॉग जब सिनेमाघर में गूंजता है तो सच में शरीर में एक अलग तरह का जोश आ जाता हैं। अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी' होली यानी 21 मार्च को रिलीज हो गई है। फिल्म 'केसरी' एक देशभक्ती फिल्म है। फिल्म की कहानी अंग्रेजी हुकूमत के समय की है अफगानियों के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई की है। इस लड़ाई को बैटल ऑफ़ सारागढ़ी के नाम से जाना जाता है, जो 12 सितम्बर 1897 को अंग्रेजों और अफ़गान ओराक्ज़ई जनजातियों के बीच लड़ी गयी थी, तब सिख ब्रिटिश फ़ौज में 36 सिख रेजिमेंट की चौथी बटालियन थी जिसमें 21 सिख थे, जिन पर 10000 अफ़्ग़ानों ने हमला किया था। सिखों का नेतृत्व कर रहे हवालदार ईशर सिंह ने मरते दम तक लड़ने का फैसला किया। 21 सिख फौजियों ने अपनी बहादुरी से अफ़्ग़ानों को अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होने दिया। बैटल ऑफ़ सारागढ़ी 10000 अफ़्ग़ान बनाम 21 सिखों की जंग इतिहास में अमर है। इसी जंग की कहानी है 'केसरी'। आइये जानते है निर्देशक अनुराग सिंह की फिल्म 'केसरी' कैसी है। 

फिल्म 'केसरी' की कहानी

कहानी की शुरूआत होती है तो सिंख सिपाहियों के बीच अफगानों और अंग्रेजो के बीच सरहद के विवाद पर चर्चा करते हुए। दो सिखं गुलाब सिंह (विक्रम कोचर) और हवलदार ईशर सिंह (अक्षय कुमार) जमीनी विवाद पर चर्चा कर ही रहे होते है तभी कुछ अफगानी सरहद पर एक महिला का गला काटने के लिए लेकर आते रहते है, महिला का गला इस लिए काटा जाएगा क्योंकि वो अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती। ईशर सिंह (अक्षय कुमार) जब इसको देखता है तो वो इसका विरोध करता है लेकिन अंग्रेजी सरकार ईशर सिंह (अक्षय कुमार) को रोकती है महिला की मदद करने से... लेकिन ईशर सिंह (अक्षय कुमार) नहीं मानते जिसके बाद वो महिला को बचा लेता है। अब इस बात से अफगानी खफा हो जाते है और वो अंग्रेजो पर हमले की तैयारी करने लगते है। वो सारागढ़ी पर हमला करते हुए  अग्रेजों पर हूकूमत करना चाहते हैं... वहीं अंग्रेजो का ऑर्डर न मानने से ईशर सिंह (अक्षय कुमार) का ट्रांसफर गुलिस्तान किले में कर दिया जाता हैं, और एक अंग्रेज ईशर सिंह (अक्षय कुमार) को कहता है तुम गुलाम हो, हिंदुस्तान की धरती से डरपोक पैदा होते हैं, इसी बात का जवाब देने हुए ईशर सिंह (अक्षय कुमार) 21 सिंखों के साथ अफगानों के 10000 हजार की सेना से लड़ाई करते है। गुलिस्तान किले में हवलदार इशर सिंह (अक्षय कुमार) के नेतृत्व में कैसे 21 सैनिकों ने अफगानियों को धूल चटाई, ये देखने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

फिल्म 'केसरी' के बेहतरीन डायलॉग 

आज मेरी पगड़ी भी केसरी, जो बहेगा मेरा लहू भी केसरी और मेरा जवाब भी केसरी

एक अंग्रेज ने मुझसे कहा था कि तुम गुलाम हो, हिंदुस्तान की धरती से डरपोक पैदा होते हैं, आज जवाब देने का वक्त आ गया है।

जब लड़ने का वक्त आएगा तब लड़ेंगे भी, अभी तो रब का घर बनाने आए हैं... रब से कैसी लड़ाई।

बाहर कम से कम 10 हजार हैं और हम.. 21

केसरी रंग का मतलब समझते हो.. शहीदी का रंग है, बहादुरी का।

एक्टिंग

अक्षय कुमार वो एक्टर है जो हर रोल को बखूबी निभाते है। फिल्म केसरी में भी अक्षय कुमार ने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया। फिल्म केसरी में किरदारों की एक्टिंग की खास बात ये रही है इसमे अक्षय कुमार को पूरी फिल्म में हावी नहीं किया गया। फिल्म में 21 सिंखों के दम को भी जबरदस्त तरीके से दिखाया गया है। हर किरदार को यादगार बनाने की कोशिश की है। फिल्म में अक्षय कुमार सिंख के किरदार में जम रहे है। वहीं अक्षय कुमार ने अपने एक्शन से सबका दिल जीत लिया। क्लाइमेक्स के एक्शन सीन्स में अक्षय कुमार ने जिस तरह से सैकड़ों अफगानियों को पटखनी दी है, वो काबिल-ए तारीफ है। परिणीति चोपड़ा को फिल्म में लेकर फिजूलखर्ची की गई है। वो बस अक्षय कुमार के ख्यालों में आती-जाती रही हैं।

फिल्म 'केसरी' रिव्यू

बॉलीवुड में कई ऐसी फिल्में बनीं है जो इतिहास की लड़ाईयों की गवाह है। एक युद्ध पर कई फिल्में भी बनीं है लेकिन 21 सिंखो सारागढ़ी की लड़ाई पर अभी तक कोई फिल्म नहीं बनी। मूवी का कंटेंट सबसे ठोस है. भारत में इतिहास के पन्नों में कहीं दफन सारागढ़ी की लड़ाई के बारे में जानने के लिए इस फिल्म से बेहतर और कुछ नहीं। केसरी कई मौकों पर हंसाती है, रुलाती है और फक्र भी महसूस कराती है। केसरी कंप्लीट एंटरटेनर फिल्म है। 

फिल्म - केसरी

स्टार कास्ट - अक्षय कुमार, परिणीति चोपड़ा, मीर सरवर, वंश भारद्वाज

निर्देशक - अनुराग सिंह

निर्माता - धर्मा प्रोडक्शन, केप ऑफ़ गोट फिल्मस, अजूरे एंटरटेनमेंट

अवधि- 150 मिनट

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