By निधि अविनाश | Jan 11, 2021
गुजरात में एक कानून लागू है जो राज्य की सीमा के भीतर शराब के निर्माण, बिक्री और सेवन पर प्रतिबंध लगाता है। इसके बावजूद, गुजरात के लोगों में शराब काफी लोकप्रियता हासिल कर रही है। बता दें कि केवल 5 सालों के भीतर, गुजरात राज्य में शराब को पीने में महिला की संख्या बढ़ी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 सालों में शराब को पीने में महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई है वहीं पुरुष की संख्या आधे से भी कम हो गई है।
इसमें 5,351 पुरुषों के साथ कुल 33,343 महिलाओं का सर्वेक्षण किया गया। साल 2015 में सर्वेक्षण की गई कुल संख्या में से, 200 महिलाओं और 310 पुरुषों ने दावा किया कि उन्होंने शराब का सेवन किया है जबकि बड़ी संख्या में पुरुषों और महिलाओं ने शराब का सेवन करने पर सहमति व्यक्त की, वहीं 68 महिलाओं और 668 पुरुषों ने शराब का सेवन करने से इनकार कर दिया है।
महिलाओं की संख्या 0.3 प्रतिशत तक बढ़ी
द टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि दो डेटा सेटों की तुलना से पता चलता है कि साल 2015 में, केवल 0.1 फीसदी शहरी महिलाओं ने शराब का सेवन करने पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन यह संख्या बढ़कर 0.3 फीसदी हो गई। 2015 में 10.6 फीसदी पुरुषों ने कहा कि वे शराब का सेवन करते हैं जो अब साल 2020 में भी यही संख्या घटकर 4.6 प्रतिशत पर आ गई। ग्रामीण क्षेत्रों में, शराब का सेवन करने वाली महिलाओं की फीसदी 2015 से 2020 तक बढ़कर 8 फीसदी हो गई है। पुरुषों के मामले में यह संख्या 11.4 फीसदी से 6.8 फीसदी नीचे गिर गई है।समाजशास्त्री गौरांग जानी के अनुसार, "राज्य के कई समुदायों के बीच शराब पीने का गहरा संबंध है। यह इन समुदायों में एक रिवाज है, जहां पुरुष और महिलाएं दोनों एक साथ बैठते हैं और विशेष अवसरों पर पीते हैं।