अब गाय को लेकर होगी परीक्षा, स्टडी मटेरियल से करनी होगी तैयारी

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अंकित सिंह । Jan 11 2021 12:38PM

आयोग मॉक टेस्ट कराने पर भी विचार कर रहा है जिससे कि परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिल सकेगी। लेकिन सवाल यही है कि आखिर इस तरीके के परीक्षा का मकसद क्या है?

परीक्षाओं के बारे में तो आपने सुना ही होगा। परीक्षाएं आपकी काबिलियत को दर्शाने के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन अगर आपसे कोई कहे कि आपको गाय पर परीक्षा देनी होगी तो आप क्या सोचेंगे? जाहिर सी बात है कि आपको हैरानी होगी, लेकिन यह सच है। दरअसल, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग ने देसी गाय के बारे में स्टडी मैटेरियल तैयार किया है। आयोग ने इसे अपनी वेबसाइट पर डाला है। आयोग 25 फरवरी को गो विज्ञान परीक्षा का आयोजन भी करने वाला है जिसमें छात्र तो भाग ले ही सकते हैं, साथ ही साथ और भी लोग भाग ले सकते हैं। परीक्षा में वही सवाल पूछे जाएंगे  जिसके बारे में साइट पर डाले गए स्टडी मटेरियल में चीजें उपलब्ध हो।

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इतना ही नहीं, आयोग मॉक टेस्ट कराने पर भी विचार कर रहा है जिससे कि परीक्षार्थियों को परीक्षा की तैयारी करने में मदद मिल सकेगी। लेकिन सवाल यही है कि आखिर इस तरीके के परीक्षा का मकसद क्या है? आखिर यह क्यों कराया जा रहा है? इसके जवाब में कामधेनु आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने कहा है कि गाय के बारे में लोगों के पास ज्ञान कम है। गाय की पूजा करो यह तो सभी कहते हैं लेकिन गाय की सेवा करो, गाय के आर्थिक महत्व, वैज्ञानिक महत्व, अच्छी हेल्थ के लिए गाय की उपयोगिता, इसके बारे में लोगों को जानकारी कम ही होती है। कथीरिया ने आगे कहा कि हमारा मकसद गाय के बारे में संपूर्ण जानकारी लोगों तक पहुंचाना है। 

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इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि गाय के दूध के बारे में हर तरह की जानकारी भी लोगों के पास नहीं है। इसके अलावा हम गोमूत्र, गोबर के बारे में भी लोगों को बताएंगे ताकि इनकी उपयोगिता को आम जनता समझ सके। उन्होंने दावा किया कि इससे गाय बारे में लोगों की सामान्य ज्ञान बढ़ेगी। अलग-अलग रिसर्च के आधार पर 50 से 60 पेज का एक बुकलेट तैयार किया गया है जिसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। परीक्षा 100 नंबर के होंगे और इसकी अवधि 1 घंटे की होगी। 25 फरवरी को परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। जो लोग भी परीक्षा में शामिल होंगे सभी को सर्टिफिकेट दिया जाएगा। खास बात यह है कि परीक्षा के परिणाम में नंबर नहीं लिखा जाएगा। कामधेनु आयोग हर राज्य में टॉप 3 को चुनने पर विचार कर रहा है।

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