सभी संस्थाएँ बीजेपी के प्रतिनिधि के रूप में काम करती हैं... राहुल गांधी को मिला तेजस्वी का साथ

By अंकित सिंह | Jun 08, 2025

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों पर बिहार के नेता और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने राहुल गांधी का साथ देते हुए कहा कि जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, सभी संवैधानिक संस्थाओं को हाईजैक कर लिया गया है। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा करने से पहले ही बीजेपी आईटी सेल को शेड्यूल पता चल जाता है। हमारी नज़र हर चीज़ पर है। संवैधानिक संस्थाओं को अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाना चाहिए। सभी को सतर्क रहने की ज़रूरत है। 

 

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राजद नेता ने आगे कहा कि सभी जानते हैं कि सभी संस्थाएँ बीजेपी के प्रतिनिधि के रूप में काम करती हैं। सभी लोग मिलकर काम कर रहे हैं, सरकार बनाने के लिए नहीं, बल्कि बिहार को मजबूत करने के लिए। राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ‘‘लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट’’ था। उन्होंने कहा कि यह ‘‘मैच फिक्सिंग’’ अब बिहार में भी दोहराई जाएगी और फिर उन जगहों पर भी ऐसा ही किया जाएगा, जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हार रही होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘मैच फिक्स’’ किए गए चुनाव लोकतंत्र के लिए जहर हैं। उन्होंने कहा कि जो पक्ष धोखाधड़ी करता है, वो भले ही जीत जाए, लेकिन इससे लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है। 

 

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सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर गांधी ने चुनाव में कथित अनियमितता के बारे में चरणबद्ध तरीके से बताया है कि कैसे मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं को जोड़ा गया, मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया, फर्जी मतदान कराया गया और बाद में सबूतों को छिपा दिया गया। गांधी ने ‘दैनिक जागरण’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ अखबार में प्रकाशित लेख की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘चुनाव की चोरी का पूरा खेल! 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था।’’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैंने अपने लेख में चरण दर चरण विस्तार से बताया है कि कैसे यह साजिश रची गई : चरण 1: निर्वाचन आयोग की नियुक्ति करने वाली समिति पर कब्जा किया गया। चरण 2: फर्जी मतदाताओं को सूची में जोड़ा गया। चरण 3:मतदान प्रतिशत बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। चरण 4: जहां भाजपा को जिताना था, वहां लक्षित करके फर्जी मतदान कराया गया। चरण 5: सबूतों को छिपा दिया गया।’’ 

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