By अंकित सिंह | Apr 04, 2020
भले ही अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है। उसने हर तरह की लड़ाइयां जीती है पर पर कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में वह हारता दिख रहा है। अमेरिका के हालात इतने खराब हो गए है कि शुक्रवार को वहां कोरोना वायरस से 1480 लोगों की मौत हो गई। यह आंकड़े इस वायरस से किसी भी देश में हुए एक दिन में हुए मौत में सबसे अधिक है। वहीं इससे एक दिन पहले भी अमेरिका में 1169 लोगों की मौत हुई थी। अपने आप को एक महाशक्ति के रूप में स्थापित कर चुका अमेरिका कोरोना वायरस के खिलाफ बेबस दिखाई दे रहा है। अमेरिका में मरने वालों की संख्या 8000 तक की हो गई है और सबसे ज्यादा मौतें विश्व के सबसे बड़े शहर न्यूयॉर्क में हुई है। न्यूयॉर्क में 3000 से अधिक लोग कोरोनावायरस के शिकार हुए हैं। अमेरिका में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तीन लाख के करीब है लेकिन अमेरिका में लगातार हालात बिगड़ते जा रहे हैं। वहां स्थिति को संभालने के लिए सीना की जिम्मेदारी को बढ़ा दिया गया है।
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डोनाल्ड ट्रंप पर यह भी आरोप लग रहे है कि उन्होंने अर्थव्यवस्था के आगे इंसानों की कीमत नहीं समझी। उन्होंने अर्थव्यवस्था को पहले बचाने की कोशिश की। बाद में उन्हें इंसानों का फिक्र हुआ। ट्रंप के लिए इंसानों एक ऐसी चुनौती बनकर आया है जिससे निपटना उनके लिए आसान नहीं होगा यह चुनावती आने वाले दिनों में भी उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है कोरोना के खिलाफ जंग में ट्रंप की विफलता इस साल अमेरिका में होने वाले चुनाव में भी एक बड़ा मुद्दा रह सकता है। कोरोना का मुद्दा ट्रंप के खिलाफ माहौल भी बना सकता है। इसके अलावा अमेरिका जैसी महाशक्ति देशों में मेडिकल सप्लाई की कमी की वजह से अब स्वास्थ्य कर्मी सड़कों पर प्रदर्शन को मजबूर हो गए हैं। डॉक्टरों की लगातार यह मांग है कि सरकार उनके कहना माने और उन्हें जरूरी उपकरण मुहैया कराए। अब देखना होगा कि जब पूरा विश्व कोरोना के इस महामारी से जूझ रहा है तो अमेरिका किस तरीके से अपने को इससे बचाता है।