By अभिनय आकाश | Jun 19, 2025
ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है। इस युद्ध में अमेरिका की एंट्री किसी भी वक्त हो सकती है, जो मीडिल ईस्ट की धधकती आग को और भड़काने का काम करेगी। इजरायल के ताबड़तोड़ हमले से भी ईरान टस से मस होने का नाम नहीं ले रहा और पलटवार जोरदार तरीके से कर रहा है। ट्रंप की धमकी भी खामनेई के हौसले को डिगा नहीं पा रही है। लेकिन इन सब के बीच अमेरिका एक खतरनाक खेल खेलने की कोशिश में लगा है। आपको याद होगा कि अमेरिका और इजरायल की तरफ से बार बार ये कहा जा रहा है कि ईरान के पास परमाणु बम नहीं होने दिया सकता है। वो परमाणु हथियार नहीं बना सकता है। उसके पास परमाणु रिएक्टर्स नहीं होंगे। वहीं दूसरी तरफ ईरान ये कह रहा है कि हमारा हथियार बनाने का कोई इरादा नहीं है। लेकिन सवाल ये है कि जब ईरान के पास न्यूक्लियर नहीं होगा तो वो न्यूक्लियर कहां लेकर जाया जाएगा। अगर अमेरिका ईरान से न्यूक्लियर को वाइपआउट करने के लिए ऑपरेशन चलाएगा तो फिर वो इसे कहां शिफ्ट करेगा। भारत के लिए ये एक चिंता का विषय हो सकता है।
ट्रंप इसलिए मुनीर से कर रहे मीठी-मीठी बातें
वहीं ईरान का एक पड़ोसी मुल्क जो परमाणु पावर युक्त है। पाकिस्तान की सरकार भले ही आम नागरिकों द्वारा चुनी गई है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप जब पाकिस्तान के प्रतिनिधि से मिलने का फैसला करते हैें तो वहां के फील्ड मार्शल आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर से मुलाकात करते हैं। अमेरिका और ट्रंप का साफ संकेत है कि वो जानते हैं कि पाकिस्तान में पावर किसके पास है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान के आर्मी चीफ के साथ लंच करते हैं। पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने न केवल पाकिस्तानी आर्मी चीफ की तारीफ की बल्कि ये तक कह दिया कि उनसे मिलकर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह पहली बार था जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान के सेना प्रमुख से लंच मीटिंग कर रहा था। मुनीर को देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों पर व्यापक रूप से प्रभाव रखने वाला माना जाता है।
क्या पाकिस्तान ने अमेरिका से दोस्ती के लिए ईरान से किया धोखा
अमेरिका संग पाकिस्तान के आर्मी चीफ की गलबहियां इस बात की ओर इशारा करती है कि उसने शायद अपनी नीतियों से समझौता कर लिया है और ईरान के साथ दगा कर दिया है। इसके साथ ही इजरायल को मान्यता नहीं देने की नीति में भी बदलाव के संकेत दे दिए हैं। लोन और फाइटर जेट्स के लिए ईरान की दोस्ती को पाकिस्तान ने कुर्बान कर दिया है।
अमेरिका ईरान का परमाणु पाकिस्तान को दे देगा
अमेरिका के राष्ट्रपति और पाकिस्तान के आर्मी चीफ की मुलाकात को लेकर एक खतरनाक खुलासा हुआ है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के पूर्व अधिकारी और अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट के वरिष्ठ वलिश्लेषक माइकल रूबिन ने हैरतअंगेज दावे किए हैं। उन्होंने कहा है कि ट्रंप प्रशासन की नजर पाकिस्तान पर केवल इसलिए है क्योंकि ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई के बाद उसके परमाणु कार्यक्रम से जुड़े सामान को पाकिस्तान में शिफ्ट किया जा सकता है। रूबिन ने साफ कहा कि डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान को अमेरिका का मित्र इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उन्हें इस दोस्ती से कुछ हासिल करना है। वे चाहते हैं कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए। अगर ऐसा होता है, तो अमेरिका को उन परमाणु सामग्रियों को कहीं न कहीं ले जाना होगा र हो सकता है कि इसके लिए पाकिस्तान चुना जाए।
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