भाजपा नेताओं की तरक्की के लिए अमित शाह ला रहे हैं नया फॉर्मूला, चापलूसी से मिलेगी मुक्ति

By नीरज कुमार दुबे | Jul 02, 2019

इसमें कोई दो राय नहीं कि भारतीय जनता पार्टी को चुनावी सफलता के मामले में अमित शाह ने सफलता की नयी ऊँचाइयों पर तो पहुँचाया ही है साथ ही संगठन की कार्यशैली में भी अहम बदलाव लाने में वह सफल रहे हैं। अमित शाह जब पार्टी महासचिव के तौर पर उत्तर प्रदेश के प्रभारी बने थे तब भाजपा वहां कई गुटों में बिखरी पड़ी थी और वरिष्ठ नेताओं का अपने अपने गुटों पर खासा प्रभुत्व होता था। ऐसे में भाजपा को सफलता की राह पर ला पाना बड़ा मुश्किल था क्योंकि कोई गुट दूसरे से कम मिलने पर राजी नहीं होता था। लेकिन अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में गुजरात फॉर्मूला अपनाया जिसके तहत सभी पुराने लोगों को साइड कर नये लोगों को मौका दिया गया। इसका परिणाम भी सकारात्मक रहा और 2014 में केंद्र में मोदी सरकार उत्तर प्रदेश की बदौलत ही बन पाई जहां से पार्टी को 73 सीटों पर सफलता मिली थी। यही फॉर्मूला बाद में अन्य राज्यों और फिर राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया तथा नये लोगों को आगे बढ़ाने से भाजपा को जबरदस्त लाभ हुआ है।

इसे भी पढ़ें: बीते कार्यकाल में तो कोई बड़ा काम हुआ नहीं, देखते हैं इस बार क्या कर पाते हैं मोदी

अमित शाह की कार्यशैली

 

अमित शाह ऐसे भाजपा अध्यक्ष बने जो नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच भेद नहीं करते और जब भी वह भाजपा कार्यालय में सबसे मिलने के लिए बैठते हैं तो नेताओं को भी कार्यकर्ताओं की तरह लाइन लगाकर खुले में उनसे मिलना पड़ता है। अमित शाह जब भी बतौर भाजपा अध्यक्ष किसी राज्य में जाते हैं तो होटल में रुकने की बजाय भाजपा कार्यालय में ही रुकते हैं ताकि कार्यकर्ताओं से जमीनी फीडबैक ले सकें। चुनावों के दौरान भी यह बात देखने में मिली थी कि पार्टी नेताओं के आश्वासनों पर यकीन करने की बजाय अमित शाह रोड शो के माध्यम से गली-गली में खुद जाते थे ताकि देख सकें कि 'चप्पा चप्पा भाजपा' है या नहीं। नेताओं और कार्यकर्ताओं से बंद कमरे में वार्ता की राजनीति अमित शाह नहीं करते और ना ही उन्हें यह पसंद है कि नेता या कार्यकर्ता टिकट के लिए या फिर पार्टी में कोई पद हासिल करने के लिए दिल्ली में नेताओं के यहां चक्कर लगायें। चुनावों के दिनों में अकसर अमित शाह टिकट की चाह में दिल्ली पहुँचे कार्यकर्ताओं से मिल कर उन्हें क्षेत्र में काम करने की सलाह देते हैं।

इसे भी पढ़ें: अटके विधेयकों को लेकर राज्यसभा में फूट ही पड़ा PM का गुस्सा, पर कुछ असर होगा क्या ?

अमित शाह ला रहे हैं नया फॉर्मूला

 

भाजपा को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनाने में भी अमित शाह सफल रहे लेकिन अब उनके सामने चुनौती है कि कैसे सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की महत्वाकांक्षाओं को पूरा किया जाये। अमित शाह बार-बार कहते रहे हैं कि भाजपा में साधारण-सा कार्यकर्ता भी शीर्ष पद तक पहुँच सकता है और यहां कोई भी पद किसी व्यक्ति के लिए या किसी परिवार के लिए आरक्षित नहीं है। जब अमित शाह गृह मंत्री बने तो संगठन के चुनाव पूरे होने तक पार्टी में कार्यकारी अध्यक्ष की व्यवस्था कर पूर्व केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा को कमान सौंप दी। अब राष्ट्रीय स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक संगठन में वही लोग आगे बढ़ें जिनका प्रदर्शन अच्छा हो इसके लिए अमित शाह जल्द ही एक फॉर्मूला सामने लाने जा रहे हैं। इस फॉर्मूले के तहत पूरी पारदर्शिता होगी और नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को वरिष्ठ नेताओं के यहां चक्कर काटने, उनकी चापलूसी करने आदि से पूरी तरह छुटकारा मिल जायेगा और संगठन के पदों पर वही आगे बढ़ पायेगा जिसका कार्य प्रदर्शन बेहतर होगा। इस फॉर्मूले के लागू होने से भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी पूरा ध्यान अपना कार्य प्रदर्शन और बेहतर करने पर लग जायेगा और इससे निश्चित ही भाजपा को संगठन के तौर पर बड़ा फायदा होगा।

 

-नीरज कुमार दुबे

 

प्रमुख खबरें

संपत्ति लूटने की योजना बना रही है कांग्रेस, Karnataka के दावणगेरे में विपक्षी पार्टी पर खूब बरसे PM Modi

इंडी गठबंधन को लेकर भाजपा हमेशा से एक ही बात कहती आई है कि सिर्फ दल मिले हैं दिल नहीं मिले हैं - वीरेंद्र सचदेवा

Rajasthan में 18-19 वर्ष आयु वर्ग के करीब 60 प्रतिशत मतदाताओं ने किया मताधिकार का इस्तेमाल

BJP की टिकट पर चुनाव लड़ने की अफवाहों को Arvinder Singh Lovely ने किया खारिज, कहा- मैं किसी और पार्टी में शामिल नहीं हो रहा