By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 06, 2018
नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल इस बात से सहमत नहीं हैं कि सेवा विभाग का नियन्त्रण दिल्ली सरकार को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि केन्द्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने से खुले तौर पर मना कर दिया हो।
उपराज्यपाल के साथ 25 मिनट तक हुई बैठक के बाद केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बैजल ने गृह मंत्रालय से सलाह मांगी थी और उन्हें बताया गया कि सेवाओं को दिल्ली सरकार को नहीं दिया जाना चाहिए। केजरीवाल के नौ दिन के धरने के बाद उनकी उपराज्यपाल से यह पहली मुलाकात है। आप नेता ने संवाददाताओं से कहा कि इससे देश में अराजकता फैल जाएगी।
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि तीन विषयों पुलिस, भूमि एवं लोक व्यवस्था को छोड़कर दिल्ली सरकार के पास अन्य विषयों में कार्यपालिका के अधिकार होंगे। उप राज्यपाल इस बात से सहमत नहीं हैं कि सेवाओं का नियन्त्रण दिल्ली सरकार को सौंपा जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय द्वारा ऐतिहासिक निर्णय दिये जाने के कुछ ही घंटों बाद दिल्ली सरकार ने नौकरशाहों के तबादलों एवं नियुक्ति के लिए एक नयी प्रणाली लागू की जिसमें मुख्यमंत्री को अनुमति देने वाला प्राधिकार बना दिया गया।
बहरहाल, इस मामले में सेवा विभाग ने अनुपालन करने से यह कहकर इंकार कर दिया कि उच्चतम न्यायालय ने 2016 में जारी अधिसूचना को खारिज नहीं किया है। इस अधिसूचना में तबादलों एवं नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय को प्राधिकार बनाया गया है।