By अभिनय आकाश | May 30, 2025
सितंबर 2022 से देशभर का ध्यान खींचने वाले चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने शुक्रवार (30 मई) को अपना फैसला सुनाया। उत्तराखंड के रिसॉर्ट मालिक और दो कर्मचारियों को किशोरी रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की 2022 में हुई हत्या के लिए दोषी ठहराया गया। 30 मई 2025 को कोटद्वार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मुकदमा अपराध संख्या 1/22 में आईपीसी की धारा 302, 201, 354ए और अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम की धारा 3(1)(डी) (अंकिता भंडारी हत्याकांड) के तहत अपना फैसला सुनाया, जिसमें तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
सजा का विवरण इस प्रकार है-
1. पुलकित आर्य
धारा 302 आईपीसी (हत्या): कठोर आजीवन कारावास और 50,000 रुपये जुर्माना
धारा 201 आईपीसी (साक्ष्य मिटाना): 5 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना
धारा 354ए आईपीसी (यौन उत्पीड़न): 2 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना
धारा 3(1)(डी) आईटीपीए (अनैतिक तस्करी रोकथाम अधिनियम): 5 साल कठोर कारावास और 2,000 रुपये जुर्माना
2. सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता
धारा 302 आईपीसी: कठोर आजीवन कारावास और 50,000 रुपये जुर्माना
धारा 201 आईपीसी: 5 साल कठोर कारावास और 10,000 रुपये जुर्माना
धारा 3(1)(डी) आईटीपीए: 5 साल कठोर कारावास और 2,000 रुपये जुर्माना
इसके अलावा, अदालत ने मुआवजे का आदेश दिया पीड़िता अंकिता भंडारी के परिवार को 4 लाख रुपये की राशि का भुगतान किया जाएगा।
अंकिता भंडारी की कथित तौर पर पुलकित आर्य ने अपने दोस्तों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर 18 सितंबर 2022 को हत्या कर दी थी। अंकिता भंडारी का शव 24 सितंबर को ऋषिकेश में चिल्ला नहर से बरामद किया गया था। अधिकारियों द्वारा उसका शव मिलने से कम से कम छह दिन पहले वह लापता बताई गई थी। पुलिस उप महानिरीक्षक पी रेणुका देवी की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने शुरू में मामले की जांच की थी। पुलकित आर्य के पिता विनोद आर्य भाजपा नेता थे, जिन्हें हत्या के मुख्य आरोपी के रूप में अपने बेटे का नाम सामने आने के तुरंत बाद पार्टी से निकाल दिया गया था। अंकिता का शव उसकी हत्या के कुछ दिनों बाद रिजॉर्ट के पास चिल्ला बैराज से बरामद किया गया था। कथित तौर पर उसके हत्यारों ने उसे इस दलदल में धकेल दिया था।