TMC सरकार के हिंदू विरोधी अत्याचार सामने आए...SIT रिपोर्ट को लेकर ममता बनर्जी पर हमलावर हुई BJP

By अंकित सिंह | May 21, 2025

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान त्रिवेदी ने तृणमूल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश में जिस प्रकार से एक विशिष्ठ प्रकार की राजनीति चल रही है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा को और ताने बाने को ध्वस्त करने के लिए किसी भी कीमत तक जाकर कमर कसे हुए दिखाई देती है। आज न्यायालय द्वारा गठित SIT की रिपोर्ट आने के बाद पश्चिम बंगाल में TMC सरकार की हिंदू विरोधी निर्ममता अपने पूरे विद्रूप रूप में सामने आई है।

 

इसे भी पढ़ें: Ranya Rao Bail News: सोना तस्करी मामले में रान्या राव को मिली बेल, 3 जून को होगी अगली सुनवाई


भाजपा नेता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के संबंध में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की एसआईटी रिपोर्ट के बाद, टीएमसी सरकार के तहत किए गए हिंदू विरोधी अत्याचार स्पष्ट रूप से सामने आ गए हैं। 11 अप्रैल 2025 (शुक्रवार, दोपहर 2:00 से 4:00 बजे तक) को दर्ज की गई टिप्पणियों ने टीएमसी, भारत गठबंधन और तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के चैंपियनों की पोल खोल दी है।


उन्होंने कहा कि टीएमसी ने यह दावा करते हुए कि हिंसा के लिए बाहरी लोग जिम्मेदार हैं, एक झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश की। हालांकि, समिति के निष्कर्षों ने टीएमसी नेताओं की संलिप्तता को स्पष्ट रूप से उजागर किया है, जिसमें एक विधायक का नाम भी शामिल है। रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है: "सभी हमले शुक्रवार, 11 अप्रैल को दोपहर 2:00 बजे से स्थानीय पार्षद महबूब आलम के निर्देश पर किए गए।" जांच में यह भी पता चला कि कुल 113 घर क्षतिग्रस्त हुए और कई प्रभावित निवासियों को सुरक्षा के लिए मालदा भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।

 

इसे भी पढ़ें: Bengaluru Rain: DK Shivakumar का दावा बाढ़ की आशंका वाले 70% इलाकों को ठीक कर लिया गया


सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राजनीति का प्रकार चाहे कोई भी हो, वार सिर्फ हिंदू समुदाय पर है। अगर पहलगाम में चुन चुनकर हिंदुओं को मारा गया तो मुर्शिदाबाद में चुन चुनकर हिंदुओं को मारने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि लोगों का स्थानीय पुलिस पर भरोसा खत्म हो गया है और वे अपनी सुरक्षा के लिए बीएसएफ और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की स्थायी तैनाती की मांग कर रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि पुलिस पीड़ितों की संकटपूर्ण कॉल का जवाब देने में विफल रही। इसमें यह भी खुलासा हुआ कि हिंसा पूर्व नियोजित थी और अपराधियों ने अपनी पहचान छिपाई थी। अब यह निर्विवाद रूप से स्पष्ट है कि, हालांकि हिंसा की प्रकृति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन पहलगाम से मुर्शिदाबाद तक एक ही बात आम है और वह है हिंदुओं को निशाना बनाना। इस निष्कर्ष से पुष्टि होती है कि हिंसा वास्तव में धार्मिक रूप से प्रेरित थी। अब अहम सवाल यह है कि ममता बनर्जी आधिकारिक रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से सिफारिश किए गए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कब करेंगी?


प्रमुख खबरें

Go Nightclub Tragedy: 25 मौतें, अवैध निर्माण और सुरक्षा लापरवाही उजागर

2017 एक्ट्रेस असॉल्ट केस में बरी होने पर दिलीप की पहली प्रतिक्रिया, बोले- “9 साल साथ देने वालों का धन्यवाद”

ब्रिटेन से पाक मूल अपराधियों की वापसी के बदले दो राजनीतिक आलोचकों की मांग का दावा

Trump ने कहा- शांति प्रस्ताव पर ज़ेलेंस्की अभी तैयार नहीं, रूस ने दिखाई सहमति