By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 31, 2021
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश में कथित रूप से धर्म के आधार पर दिहाड़ी मजदूरों व रेहड़ी पटरी वालों के साथ मारपीट की कुछ घटनाओं पर चिंता जताते हुए मंगलवार को कहा कि राजस्थान में इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विपक्षी भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर ही सवाल उठाया और कहा कि राजस्थान अपराधस्थान बन गया है।
गहलोत ने ट्वीट कर दावा किया कि सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश से लगातार ऐसे वीडियो आ रहे हैं जहां धर्म के आधार पर गरीब दिहाड़ी मजदूरों, ठेला लगाने वाले एवं रेहड़ी-पटरी वालों के साथ मारपीट की जा रही है। गहलोत के अनुसार, ‘‘यह स्थिति और भी चिंताजनक है कि ऐसी घटनाओं पर वहां की सरकारें कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं। उन्होंने लिखा कि घटना होना एक बात है लेकिन इन पर कार्रवाई ना कर सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है जो संविधान के अनुच्छेद 15 व 25 का उल्लंघन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत जैसे पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश में ऐसी घटना होना एवं उन पर पुख्ता कार्रवाई ना होना बेहद दु:खद है।
गहलोत ने कहा, ‘‘राजस्थान में ऐसी किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहलोत के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री गहलोत दूसरे राज्य के खिलाफ राजनीतिक बयानबाजी करने के बजाय अपने प्रदेश में घट रही इस तरह की अमानवीय घटनाओं पर अगर कार्रवाई व रोकथाम करेंगे तो प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम हो सकेगी, लेकिन हालात उलट हैं। कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है।’’ पूनियां ने दावा किया कि झालावाड़ और दौसा में हाल में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किये जाने की घटनाएं सामने आईं, जो कांग्रेस शासित राजस्थान में कानून व्यवस्था की बदहाली का सबूत हैं। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘राजस्थान में जो घटित हो रहा है उसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? गहलोत के शासन में राजस्थान अपराधिस्थान बन गया है।