अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एक रियायत है, अधिकार नहीं : उच्चतम न्यायालय

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 06, 2021

नयी दिल्ली| उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि सभी सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति एक रियायत है, अधिकार नहीं है।

न्यायालय ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत सभी सरकारी रिक्तियों के लिए अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए, लेकिन मानदंडों को लेकर अपवाद हो सकता है।

 

इसे भी पढ़ें: उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम द्वारा सिफारिश किये गये 68 नामों में कुछ की शीघ्र होने वाली है नियुक्ति

 

पीठ ने कहा, “अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति को लेकर इस अदालत के निर्णयों के क्रम में निर्धारित कानून के अनुसार, संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के तहत सभी सरकारी रिक्तियों में सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किया जाना चाहिए। हालांकि, एक मृत कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की पेशकश उक्त मानदंडों में अपवाद है। अनुकंपा का आधार एक रियायत है, अधिकार नहीं।

पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया और इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें राज्य सरकार और पुलिस विभाग को ग्रेड- III सेवा में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए एक महिला की उम्मीदवारी पर विचार करने का निर्देश दिया गया था।

 

इसे भी पढ़ें: लंबित आपराधिक मामले के बारे में जानकारी नहीं देने वाला कर्मचारी नियुक्ति का हकदार नहीं :न्यायालय

 

शीर्ष अदालत ने एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को भी बहाल कर दिया जिसे खंडपीठ ने खारिज कर दिया था। एकल-न्यायाधीश पीठ ने महिला की ग्रेड- III पद पर उम्मीदवारी को खारिज कर दिया है क्योंकि उसका पति ग्रेड- IV पद पर कार्यरत था, जिसकी मौत हो चुकी है।

प्रमुख खबरें

Jupiter Transit 2024: वृषभ राशि में 1 मई को गोचर कर रहे देवगुरु बृहस्पति, इन राशियों की खुलेगी किस्मत

बीते वित्त वर्ष की तुलना में Coal India Limited का उत्पादन April में सात प्रतिशत बढ़ा

LokSabha Elections 2024: मेनका गांधी, निरहुआ, धर्मेन्द्र यादव सहित कई दिग्गजों ने किया नामांकन

Lok Sabha Election: मैनपुरी में किसकी होगी जीत, मोदी की गारंटी बनाम मुलायम की विरासत के बीच की है लड़ाई