By अंकित सिंह | May 17, 2022
असम में लगातार हो बारिश की वजह से राज्य की हालात खराब होती दिखाई दे रही है। असम में बाढ़ की स्थिति है और लगभग 20 जिले इससे प्रभावित हैं। 20 जिलों के लगभग दो लाख लोगों का जनजीवन इस बाढ़ की वजह से बेहाल होता दिखाई दे रहा है। लगातार बारिश की वजह से भूस्खलन हुआ जिसकी वजह से रेल और सड़क संपर्क भी टूट गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक दीमा हसाओ पर्वतीय जिले का संपर्क देश के शेष हिस्सों से टूट गया है। कछार जिले में बाढ़ से दो लोगों की मौत हुई, जबकि इससे पहले, भूस्खलन के कारण दीमा हसाओ में तीन लोगों की मौत हुई थी।
बाढ़ से लगभग 1,97,248 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से होजई में 78,157 और कछार में 51,357 लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने बताया कि भारी भूस्खलन और लगातार बारिश की वजह से पटरियों पर जलजमाव होने के कारण असम के लुमडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड में दो दिनों से फंसी दो ट्रेनों के लगभग 2800 यात्रियों को निकालने का काम सोमवार को वायु सेना और अन्य एजेंसियों की मदद से पूरा हो गया। उसने बताया कि कई यात्रियों को वायु सेना द्वारा निकाला गया क्योंकि शनिवार से जारी लगातार बारिश से बचाव अभियान बाधित हुआ था। दो ट्रेनें दीमा हसाओ जिले में एनएफआर के लुमडिंग खंड में फंसी हुई थीं। विज्ञप्ति के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में शनिवार से खंड की लगभग 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 10 से अधिक अन्य ट्रेनों को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है।
लगातार बारिश के बावजूद क्षतिग्रस्त रेल पटरियों की बहाली का काम जोरों पर है। दीमा हसाओ जिले के मुख्यालय हाफलोंग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यू हाफलोंग रेलवे स्टेशन का अधिकांश हिस्सा पानी में डूबा हुआ है और वहां फंसी एक खाली ट्रेन पटरी से उतर गई है क्योंकि नीचे की मिट्टी बह जाने से पटरी उखड़ गई थी। लगातार बारिश और कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण जिले में सड़क संपर्क भी टूट गया है।
जलवायु परिवर्तन का असर बना रहेगा
वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि उत्तर भारत में भीषण लू चलने, दिल्ली में तापमान 49 डिग्री सेल्सियस पार करने और पूर्वोत्तर में अचानक आने वाली बाढ़ समेत जलवायु परिवर्तन का असर बना रहेगा तथा आगे स्थिति और खराब होगी। दिल्ली के दो मौसम केंद्रों में 49 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान और पड़ोस के गुरुग्राम में 48 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किए जाने के एक दिन बाद, विशेषज्ञों ने सोमवार को मौसम के घटनाक्रम का विश्लेषण किया और गंभीर चेतावनी दी।