By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 06, 2025
असम सरकार ने शुक्रवार को दो बच्चों की नीति में संशोधन करते हुए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), चाय बागान, मोरन और मटक समुदायों को इसमें छूट दे दी।
अधिसूचना के अनुसार, इन समूहों के तीन बच्चों तक वाले सदस्य सरकारी नौकरी, चुनाव लड़ने और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए प्रोत्साहन प्राप्त करने के पात्र होंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त एवं सचिव पतिबंडला अशोक बाबू द्वारा हस्ताक्षरित अधिसूचना में कहा गया कि कुछ चुनिंदा समुदायों के लिए दो बच्चों की शर्त को समाप्त करने और इसे तीन बच्चों तक शिथिल करने का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘असम के राज्यपाल को असम की जनसंख्या और महिला सशक्तीकरण नीति (संशोधन), 2025 की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है।’’ आदेश में कहा गया है कि असम की जनसंख्या एवं महिला सशक्तीकरण नीति, 2017 में तदनुसार संशोधन किया गया है।
असम मंत्रिमंडल ने गत 23 अक्टूबर को सरकारी नौकरी पाने के संबंध में एसटी, चाय बागान, मोरन और मटक समुदायों के लिए दो बच्चों के मानदंड को समाप्त करने का फैसला किया था और शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा था कि सरकार ने इन समूहों को विलुप्त होने से बचाने के लिए उन्हें जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों के दायरे से बाहर रखने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा था, ‘‘यदि हम इस नीति पर अड़े रहे तो ये आबादी अपनी विशिष्ट पहचान खो देगी और अगले 50 वर्षों में धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएगी।’’ असम लोक सेवा (सीधी भर्ती में छोटे परिवार के मानदंडों का अनुप्रयोग) नियम, 2019 के अनुसार, दो-बच्चे की नीति जनवरी 2021 से लागू की गई।