By नीरज कुमार दुबे | Oct 24, 2024
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने राज्य में ‘मिशन बसुंधरा योजना’ के तीसरे और अंतिम चरण की शुरुआत करते हुए इसे प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा भूमि सुधार अभियान बताया है। हम आपको बता दें कि यह राज्य के मूल निवासियों को भूमि अधिकार देने का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसके पहले दो संस्करण के जरिये भी लोगों को बड़ा लाभ हुआ था। तीसरे चरण के अभियान के शुभारंभ अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि मूल निवासियों को भूमि पट्टे प्रदान करके, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार 'जाति-माटी-भेटी' (समुदाय, भूमि, मातृभूमि) की रक्षा के अपने संकल्प को मजबूत कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘सत्ता संभालने के तुरंत बाद, हमने असम में मूल निवासियों को भूमि अधिकार प्रदान करने के मिशन पर काम शुरू किया, यह कार्य स्वतंत्रता के 75 साल बाद किया गया है। ‘मिशन बसुंधरा’ की शुरुआत दो अक्टूबर, 2021 को इसी दृष्टिकोण के साथ हुई थी।’’ सरमा ने कहा कि जब सरकार ने परियोजना को लागू करना शुरू किया, तो वह प्राप्त हुए अभूतपूर्व आवेदनों से चकित थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मिशन बसुंधरा 1.0 के तहत नौ महीनों में आठ लाख आवेदनों का निपटारा किया।’’ उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का दूसरा संस्करण नवंबर 2022 में शुरू किया गया और एक साल के भीतर दो लाख से अधिक मूल निवासियों को भूमि अधिकार दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘योजना के दो संस्करणों से सीखे गए सबक को आगे बढ़ाते हुए, हमने आधिकारिक तौर पर ‘मिशन बसुंधरा 3.0’ योजना शुरू की। यह असम के मूल लोगों की भूमि और पहचान की रक्षा के लिए हमारी सरकार द्वारा उठाया गया एक और दृढ़ कदम होगा।’’ उन्होंने कहा कि इसकी अपार क्षमता को समझते हुए, विशेष रूप से राज्य के मूल निवासियों को भूमि अधिकार प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के वास्ते सरकार ने इस वर्ष कई नये नियम लागू किए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि भूमि पट्टे किफायती हों, हम प्रीमियम दरों को क्रमशः 30% से घटाकर 3% और 10% कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि इस नवीनतम संस्करण में विभिन्न भूमि-संबंधी सेवाओं का डिजिटलीकरण, मानचित्रों का प्रकाशन और लोगों को भूमि अधिकार प्रदान करना शामिल होगा।