फिलहाल ब्रिक्स करेंसी का प्रस्ताव नहीं, दोहा में जयशंकर ने किया साफ- हमने कभी डी-डॉलराइजेशन की वकालत नहीं की

By अभिनय आकाश | Dec 09, 2024

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि ब्रिक्स देशों का इरादा अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने का नहीं है भारत कभी भी डी-डॉलरीकरण के पक्ष में नहीं रहा है। उनका बयान अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हालिया धमकी के जवाब में आया है कि अगर ब्रिक्स देश साझा मुद्रा की योजना पर आगे बढ़ते हैं तो 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिक्स देश इस मामले पर एकमत नहीं हैं। कतर में दोहा फोरम में बोलते हुए उन्होंने ये बात कही. वह कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मामलों के मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान और नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईदे के साथ एक पैनल में बोल रहे थे। जयशंकर ने कहा कि मैं बिल्कुल निश्चित नहीं हूं कि इसके लिए ट्रिगर क्या था लेकिन हमने हमेशा कहा है कि भारत कभी भी डी-डॉलरीकरण के पक्ष में नहीं रहा है। फिलहाल, ब्रिक्स मुद्रा रखने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

इसे भी पढ़ें: Ukraine को हथियार मुहैया कराने के लिए लगभग एक अरब अमेरिकी डॉलर की और मदद देगा अमेरिका

विदेश मंत्री जयशंकर कतर पीएम के निमंत्रण पर दोहा फोरम में भाग लेने के लिए दोहा में हैं। ट्रंप ने 30 नवंबर को ब्रिक्स देशों को अमेरिकी डॉलर को बदलने के किसी भी कदम के खिलाफ चेतावनी दी थी।  उन्होंने नौ सदस्यीय समूह से प्रतिबद्धता की मांग करते हुए सदस्य देशों को ऐसे प्रयास के लिए 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी, जिसमें भारत, रूस, चीन और ब्राजील शामिल हैं। रूस और चीन ने अमेरिकी डॉलर का विकल्प लाने की कोशिश की है। ब्राजील ने भी एक साझा करंसी का प्रस्ताव रखा था, लेकिन इस पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। ब्रिक्स समिट से पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि रूस डॉलर को छोड़ना या उसे हराना नहीं चाहता है। उसे डॉलर के साथ काम करने से रोका जा रहा है। इसलिए डॉलर की जगह किसी दूसरे विकल्प को ढूढ़ना मजबूरी है। डॉलर की वैल्यू कम करने की ब्रिक्स देशों की इन्हीं कोशिशों से ट्रंप भड़के हुए हैं। 

इसे भी पढ़ें: चुनाव जीतने के बाद पहली यात्रा पर पेरिस क्यों पहुंचे ट्रंप? मैक्रों से करेंगे मुलाकात

ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकाते हुए एक्स पर लिखा कि हमें इन देशों से ये कमिटमेंट चाहिए कि वो न तो नई ब्रिक्स करेंसी बनाएंगे। न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी दूसरी करेंसी का समर्थन करेंगे। ट्रंप ने कहा कि अगर ब्रिक्स देश ऐसा करते हैं तो उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्हें शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में प्रोडक्ट बेचने को को गुडबॉय कहने के लिए तैयार रहना चाहिए। वे किसी और मूर्ख को खोज सकते हैं। इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा। जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए।


प्रमुख खबरें

पश्चिम बंगाल में बनने जा रही है बाबरी मस्जिद! ममता बनर्जी के राज्य में होने वाला है बड़ा कांड, भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात

Assam Government ने एससी, एसटी और अन्य समुदायों को दो बच्चे के नियम से छूट दी

Vladimir Putin के डिनर पर Shashi Tharoo हुए शामिल, खड़गे-राहुल गांधी को न्योता नहीं? कांग्रेस ने लगाया सरकार पर प्रोटोकॉल उल्लंघन का आरोप

भारत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर: Ram Nath Kovind