By अभिनय आकाश | Sep 24, 2022
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को टारगेट करने की योजना बनाई थी। इसके साथ ही यूपी में संवेदनशील जगहों और व्यक्तियों पर हमले शुरू करने के लिए आतंकवादी मॉड्यूल, घातक हथियारों और विस्फोटकों को जमा किया था। ईडी ने गुरुवार को केरल से गिरफ्तार पीएफआई सदस्य शफीक पायेथ के खिलाफ अपने रिमांड नोट में सनसनीखेज दावा करते हुए कहा है कि इस साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान संगठन ने हमला करने के लिए एक ट्रेनिंग कैंप का आयोजन किया था। अहम बात ये है कि जुलाई में भी पटना से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी। उस वक्त उनसे बरामद दस्तावेजों में इंडिया 2047 नाम से पीएफआई की बुकलेट भी थी, जिसमें 2047 तक भारत को मुस्लिम देश बनाने का आंतकी ब्लूप्रिंट था।
गौरतलब है कि अक्टूबर 2013 में पटना के ही गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में आतंकी हमला हुआ था। तब इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े जिहादी आतंकियों ने रैली में विस्फोट किया था। पीएफआई ने पिछले कुछ सालों में 120 करोड़ रुपये सिर्फ इसलिए जुटाए हैं कि वह दंगों और देशभर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सके। इस फंड में ज्यादातर हिस्सा कैश में है। ईडी के पास इसका पूरा डीटेल है। एजेंसी ने गुरुवार को संगठन पर देशव्यापी छापेमारी के बाद चार पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसके दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी सहित कई एजेंसियों ने संगठन से जुड़े 100 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।