By अनन्या मिश्रा | Sep 02, 2025
राजस्थान के हिंदू लोक देवता रामदेव के जन्मदिन के उपलक्ष्य में रामदेव जयंती मनाई जाती है। चौदहवीं शताब्दी के शासक रामदेव के बारे में बोला जाता है कि उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया था। साथ ही यह भी माना जाता है कि रामदेव में चमत्कारी शक्तियां थी। इसके अलावा देश में कई समूहों द्वारा इष्टदेव के रूप में पूजे जाने वाले रामदेव भगवान श्रीकृष्ण के अवतार भी माने जाते हैं। इस बार 02 सितंबर 2025 को रामदेव जयंती मनाई जा रही है।
रामदेव जयंती के मौके पर भक्त बड़ी श्रद्धा और समर्पण के साथ मंदिरों में जाकर उनकी पूजा करते हैं। साथ ही रामदेव को नए वस्त्र और विशेष भोजन के साथ ही लकड़ी के घोड़े का खिलौना चढ़ाते हैं। इस दौरान रामदेवजी के विश्राम स्थल और रामदेवरा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। एक विशाल उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी समुदाय के लोग भाग लेते हैं।
रामदेव की चमत्कारी शक्तियों के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। बताया जाता है कि जब वह बालक थे, तो उनके पिता राजा अजामल ने एक खिलौना बनाने वाले को लकड़ी का घोड़ा बनाने के लिए कहा। लेकिन खिलौना बनाने वाले ने राजा से मोटी रकम लेकर धोखा दिया। उसने लकड़ी के खिलौने वाले घोड़े को ढकने के लिए सस्ते कपड़े का इस्तेमाल किया। जब रामदेव उस लकड़ी के घोड़े पर बैठे, तो वह खिलौना हवा में ऊपर उठ गया और कपड़ा भी गायब हो गया। माना जाता है रामदेव की शक्तियों की वजह से घोड़े को नया जीवन मिला था।
एक अन्य किंवदंती के मुताबिक जब मक्का के कुछ संतों ने दूसरे बर्तनों में भोजन करने से मना कर दिया, तो मक्का में रखे उनके बर्तन उनकी तरफ उड़ते हुए दिखाई दिए। इस घटना के बाद से रामदेव को राम शाह पीर के नाम से जाना जाने लगा।