जानिए कब शिशु करता है गर्भ में पहली हलचल

By मिताली जैन | Oct 13, 2022

जब एक स्त्री मां बनती है तो वह हर गुजरते दिन के साथ अपने शरीर के भीतर होते बदलावों को महसूस करती है। गर्भधारण करने के तुरंत बाद ही महिला जल्द से जल्द अपने गर्भस्थ शिशु की हलचल को महसूस करना चाहती है। जब शिशु पहली बार गर्भ में लात मारता है तो महिला को बेहद ही खुशी का अहसास होता है। इस तरह वह अपने मातृत्व सुख को पहली बार महसूस करती है। शिशु की इस पहली हलचल तो क्विकनिंग भी कहा जाता है। लेकिन शिशु का गर्भ में लात मारना सिर्फ उसकी ग्रोथ की ही पहचान नहीं है। बल्कि इससे आप अन्य भी कई बातों का अंदाजा लगा सकती हैं। तो चलिए जानते हैं कि बच्चा क्विकनिंग कब से करता है और इसका क्या अर्थ है-


क्विकनिंग क्या है? 

क्विकनिंग का अर्थ वास्तव में शिशु की उस पहली हलचल से है, जो वह अपनी मां के गर्भ में करता है। आमतौर पर, लोग इसे शिशु का लात मारना भी कहते हैं। गर्भधारण करने के बाद यूं तो महिला जल्द से जल्द इस अनुभव को महसूस करना चाहती है। लेकिन गर्भावस्था के पांचवे या छठे माह में शिशु यह हलचल करता है। प्रेगनेंसी के सातवें या आठवें महीने में महिला को यह हचलच अधिक महसूस होती है, जबकि नौंवे माह में यह हलचल कम भी हो जाती है।

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क्या रात में क्विकनिंक करना चिंताजनक है?

अधिकतर महिलाओं को बच्चे की हलचल रात के समय में अधिक महसूस होती है। जिसके कारण वह कभी-कभी घबरा भी जाती हैं। हालांकि, इसमें चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। हर बच्चे की ग्रोथ अलग होती है। उनमें मूवमेंट की वजह जोड़ों को स्ट्रेच करना, पलक झपकाना, डकार लेना आदि होता है। यह क्रियाएं शिशु कभी भी कर सकता है और इसलिए अगर वह रात में या फिर दिन में क्विकनिंग करता है, तो इसमें आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। 

 

मूवमेंट को लेकर रहें सतर्क

महिला केवल इसी बात को लेकर खुश हो जाती है कि उसका शिशु मूवमेंट कर रहा है, लेकिन क्विकनिंग को लेकर महिला को अधिक सतर्क रहना चाहिए। मसलन, अगर बच्चा आधे या एक घंटे में भी हलचल नहीं करता है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसके अलावा, अगर बच्चा बेहद कम या ना के बराबर मूवमेंट करता है या आपको किसी तरह की असामान्य मूवमेंट महसूस होती है तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आपको शायद पता ना हो, लेकिन जब शिशु को प्लेसेंटा से पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलता है तो ऐसे में वे कम मूवमेंट करते हैं। इस स्थिति में आप एक बार स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।


- मिताली जैन

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