बदरुद्दीन अजमल ने अपने बयान पर माफी मांगी, कहा- मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था

By अंकित सिंह | Dec 03, 2022

एआईयूडीएफ अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल के एक बयान को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। भाजपा बदरुद्दीन अजमल पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। हालांकि, बदरुद्दीन अजमल ने अपने दिए बयान पर माफी मांग ली है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि मेरा इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था। लेकिन भाजपा लगातार बदरुद्दीन अजमल पर जबरदस्त तरीके से प्रहार कर रही है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि दुर्भाग्य है कि बदरुद्दीन जैसे लोग हमें गाली दे रहे हैं। 1947 में इन्हें पाकिस्तान चला जाना चाहिए था। यहां सिर्फ सनातन को मारने वाले ही रहते। अगर सनातन को मानने वाले रहते तो वह गाली नहीं देते। 

 

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दूसरी ओर बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि अगर मेरे शब्दों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं। उन्होंने कहा कि मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि सरकार अल्पसंख्यकों के साथ न्याय करें और उन्हें शिक्षा और रोजगार दे। अपने बयान में बदरुद्दीन अजमल ने कहा था कि मुस्लिम लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में हो जाती है, लेकिन हिंदू लड़कियों की शादी 40 साल की उम्र में नहीं होती है। वे 40 साल की उम्र तक अवैध पार्टनर रखते हैं। वे बच्चे नहीं पैदा करते और पैसे बचाते हैं। लेकिन 40 साल की उम्र के बाद इनकी शादी हो जाती है। फिर आप बच्चों को कैसे स्वीकार कर सकते हैं? 

 

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इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि उन्हें (हिंदुओं को) मुस्लिम फॉर्मूले को स्वीकार करना चाहिए और अपने बच्चों की शादी 20-22 साल की उम्र में कर देनी चाहिए। 18-20 साल की उम्र में लड़कियों की शादी करा दो और फिर देखो कितने बच्चे पैदा होते हैं। भाजपा की ओर से पलटवार किया गया है। भाजपा की ओर से पलटवार किया गया था। भाजपा के विधायक दिगंत कलिता ने बदरुद्दीन अजमल से साफ तौर पर कहा है कि अगर आपको इस तरह का बयान देना है तो बांग्लादेश में जा कर दीजिए। अपने बयान में भाजपा नेता ने कहा कि आप मुस्लिम हैं और हम लोग हिंदु हैं। क्या हमें आपसे सीखना पड़ेगा? ये भगवान राम और देवी सीता का देश है। उन्होंने कहा कि यहां बांग्लादेशी लोगों का कोई स्थान नहीं है। अगर आपको ऐसा बयान देना है तो बांग्लादेश में जाकर दें। 

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