By अभिनय आकाश | Oct 06, 2021
लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा और तनाव के बाद इस पर सियासत भी खूब देखने को मिल रही है। योगी सरकार के राजनीतिक दलों को लखीमपुर खीरी जाने की इजाजत देने के बाद से ही ये अब राजनीति और राजनेताओं का फेवरेट पॉलिटिकल स्पॉट भी बन गया है। इसके साथ ही मृतक किसानों के परिवार को लेकर मुआवजे करने में कांग्रेस शासित राज्य भी पीछे नहीं है। पंजाब और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में गत रविवार को हुई हिंसा में मारे गए किसानों के परिजन को 50-50 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी लखीमपुर खीरी हिंसा में मरे चार किसानों और एक पत्रकार के परिजन को 50-50 लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है। लेकिन इसमें गौर करने वाली बात ये है कि यूपी के लखीमपुर के किसान परिवार को मुआजवा देने की घोषणा करने वाले बघेल के खुद के राज्य में पिछले कुछ महीनों में ही 141 किसानों ने आत्महत्या कर ली है।
बीजेपी ने उठाए सवाल
बीजेपी के मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने इसको लेकर कांग्रेस पार्टी और बघेल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने फरवरी 2021 में विधानसभा को सूचित किया था कि 1 फरवरी तक 10 महीने की अवधि में 141 किसानों ने आत्महत्या की है। मालवीय ने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या आपने भूपेश बघेल को किसी मुआवजे की घोषणा करते देखा? उन्होंने कहा कि न केवल गांधी परिवार के बच्चे बल्कि ये किसान भी मुख्यमंत्री की चिंता और सहानुभूति के पात्र हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने विधानसभा में बताया था कि राज्य में पिछले 10 महीने में 141 किसानों ने आत्महत्या की। एक सवाल के जवाब में राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि इस दौरान 141 किसानों ने विभिन्न कारणों से आत्महत्या की है।