बांग्लादेश सरकार को अल्पसंख्यों में असुरक्षा की भावना को शांत करने की जरुरत: इस्कॉन

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 19, 2022

कोलकाता। इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) ने शनिवार को बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार से डोल जात्रा (होली) समारोह की पूर्व संध्या पर ढाका के इस्कॉन राधाकांत मंदिर की दीवार गिरने के एक मामले के बाद पड़ोसी देश में ‘‘अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना को शांत करने के लिए’’ उपाय करने का अनुरोध किया। हालांकि, इस घटना की जांच करने वाली बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद ने इस्कॉन मंदिर में दीवार गिरने को स्थानीय लोगों के साथ लंबे समय से चल रहे संपत्ति विवाद के परिणाम के तौर पर वर्णित किया। इस्कॉन कोलकाता चैप्टर के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने पीटीआई-को बताया कि अवामी लीग सरकार ने मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात किए हैं। घटना की निंदा करते हुए, दास ने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक दिखने वाले कदम होने चाहिए कि हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों पर नियमित हमले न हों और न ही उनके उपासना स्थलों स्थलों में तोड़फोड़ हो।’’ 

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ढाका के वारी में इस्कॉन मंदिर की एक विवादित दीवार को गिराने वाला कथित हमला बृहस्पतिवार शाम को हुआ। दास ने कहा, ‘‘यह प्रवृत्ति हाल के दिनों में दुर्गा पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के दौरान देखी गई है और बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा व्यवस्थित रूप से लक्षित किए जाने के बारे में समुदाय के सदस्यों की चिंताओं को प्रशासन को दूर करना चाहिए।’’ दास ने ट्वीट किया, ‘‘बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों का एक मंदिर कब तक पुलिस सुरक्षा में पूजा कर सकता है? समस्या की जड़ों को दूर करने की जरूरत है, जो युवा दिमाग में जहर है।’’ 18 मार्च को घटनास्थल का दौरा करने वाले हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्यो परिषद (बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद) के महासचिव राणा दासगुप्ता ने पीटीआई-को फोन पर बताया कि मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों के बीच लंबे समय से चारदीवारी का विवाद है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, यह भी सच है कि मंदिर क्षेत्र में (17 मार्च की रात को) 100-150 की भीड़ इकट्ठी हो गई थी। चारदीवारी टूट गई थी लेकिन हम नहीं जानते कि कैसे। अब यह आपको निष्कर्ष निकालना है कि क्या यह भूमि विवाद से उत्पन्न घटना थी या इसके सांप्रदायिक रंग थे।’’ उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में वर्षों से अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना रही है, हालांकि अवामी लीग सरकार के शासनकाल में कई क्षेत्रों में सुधार हुआ है। दासगुप्ता ने कहा, ‘‘हालांकि, इसके द्वारा किए गए हर सकारात्मक वादे को दिखने वाली कार्रवाई में तब्दील नहीं किया गया है।’’ परिषद पड़ोसी देश में 31 संगठनों का एक मंच है।

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