UP के मेरठ में बकरीद पर बर्बरी नस्ल के बकरे की हो रही है जमकर खरीदारी

By राजीव शर्मा | Jul 20, 2021

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में ईद-उल-अजहा की तैयारियां जोरो पर हैं। कुर्बानी के लिए बकरों का बाजार गुलजार है। हालांकि इस बार बकरा पैठ तो नहीं लगी। लेकिन गुपचुप तरीके से लोग कुर्बानी के लिए पशुओं को खरीद रहे है। बता दें कि मेरठ में हर साल बकरीद से एक महीने पहले बकरा पैठ गुलजार होनी शुरू हो जाती थी। जब से कोरोना संक्रमण काल शुरू हुआ है तक से यानी 2020 से बकरा पैठ पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं ईद की तैयारियों के चलते लोग कपड़े से लेकर जूता-चप्पल की खरीदारी में लोग जुटे हैं। इस साल सबसे अधिक बर्बरी प्रजाति के बकरों की डिमांड हैं। बताया जाता है कि ये नस्ल अच्‍छी होने की वजह से उनकी अधिक डिमांड रहती है। 

इसे भी पढ़ें: मेरठ-गाजियाबाद के बीच दौड़ने वाली रैपिड रेल हवाई जहाज जैसी यात्रा का देगी अनुभव, जानिए खूबियां 

दरअसल, मेरठ में इटावा से बर्बरी नस्ल के बकरे बेचने आए अलीमुद्दीन का कहना है कि इस बकरे की खासियत यह कि मांस की अच्छी रिकवरी के साथ रेसा नहीं होता। इसकी डिमांड दुबई से भी आती रहती है। लेकिन अबकी बार अभी तक आर्डर नहीं आया। बकरीद आगामी 21 जुलाई को है। तीन दिन यानी बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को कुर्बानी का दिन होगा। लिहाजा कारोबार को भी गति मिलने लगी है। कारोबारियों के अनुसार सीजन ठीक रहा तो लाखों का मुनाफा हो सकता है।

मेरठ में कई इलाकों में व्यापारी इटावा, राजस्थान, ग्वालियर, गुजरात, दिल्ली और हरियाणा से बकरा लाकर बेचते हैं। पशु व्यापारियों ने बताया कि इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार बकरे की अच्छी बिक्री हुई है। 10 हजार से लेकर 50 हजार तक के बकरे मौजूद हैं। अपनी हैसियत के मुताबिक लोग बकरे खरीदकर कुर्बानी करते हैं। इनमें भी बर्बरी नस्‍ल की अधिक डिमांड रहती है। बर्बरी बकरे को 330 रुपये से 350 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खड़ा बकरा बेचा जाता है। 

इसे भी पढ़ें: इंडिया गेट के बाद अब मेरठ में भी जलेगी 'अमर जवान ज्योति', 15 अगस्त को प्रज्वलित किए जाने की संभावना 

बर्बरी नस्ल के बकरे एक्सपोर्ट के लिए भी पाले जाते हैं। दुबई में इनकी विशेष डिमांड है यहां पर इसे एक्सपोर्ट करने पर इसकी कीमत 425 रुपये प्रति किलो तक भी मिल जाती है। हमारे देश में सबसे अच्छी बकरे की नस्ल बर्बरी ही होती है। इसके मांस में रेसा नहीं होता और मांस 60 फीसद तक निकलता है। बाकी नस्ल के बकरों में 50 फीसद से ज्यादा मांस नहीं निकलता और उसमें रेसा भी होता है।

प्रमुख खबरें

इजरायली राष्ट्रपति Isaac Herzog ने बॉन्डी बीच हमले को यहूदियों पर क्रूर हमला बताया, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकजुट होने की अपील

Saphala Ekadashi 2025: भूलकर भी एकादशी व्रत के दिन न करें ये 5 गलतियां; वरना खंडित हो जाता उपवास, इन नियमों का रखें खास ध्यान

वोट चोरी का आरोप, BJP की वॉशिंग मशीन पर तीखा वार, Priyanka Gandhi का मोदी सरकार पर हल्लाबोल

Mulank 5 Love Life: लव लाइफ में कैसे होते हैं मूलांक 5 के लोग, पार्टनर के साथ करते हैं एडवेंचर, रिश्ते में रोक-टोक पसंद नहीं करते