By रितिका कमठान | Jan 22, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" आंदोलन के 10 साल पूरे होने के अवसर पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक जन-संचालित पहल बन गई है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के लोग भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, "आज हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ आंदोलन के 10 वर्ष पूरे कर रहे हैं। पिछले एक दशक में यह एक परिवर्तनकारी, जन-संचालित पहल बन गई है और इसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों की भागीदारी रही है।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस आंदोलन का ध्यान लैंगिक बाधाओं और पूर्वाग्रहों पर काबू पाने पर केंद्रित है, जिससे यह सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है कि बालिकाओं को शिक्षा और अवसरों तक पहुंच मिले।
उन्होंने कहा, "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान लैंगिक भेदभाव को दूर करने में सहायक रहा है और साथ ही इसने यह सुनिश्चित करने के लिए सही माहौल तैयार किया है कि बालिकाओं को शिक्षा और अपने सपनों को पूरा करने के अवसर मिलें।" प्रधानमंत्री ने "ऐतिहासिक रूप से कम बाल लिंग अनुपात" को देखते हुए लोगों और विभिन्न सामुदायिक संगठनों द्वारा किए गए प्रयासों के प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "लोगों और विभिन्न सामुदायिक सेवा संगठनों के समर्पित प्रयासों की बदौलत #बेटीबचाओबेटीपढ़ाओ ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। ऐतिहासिक रूप से कम बाल लिंगानुपात वाले जिलों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है और जागरूकता अभियानों ने लैंगिक समानता के महत्व की गहरी समझ पैदा की है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने देश में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस आंदोलन को जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा समाज बनाना महत्वपूर्ण है जहां बेटियां बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा, "मैं उन सभी हितधारकों की सराहना करता हूं जिन्होंने जमीनी स्तर पर इस आंदोलन को जीवंत बनाया है। आइए हम अपनी बेटियों के अधिकारों की रक्षा करना जारी रखें, उनकी शिक्षा सुनिश्चित करें और एक ऐसा समाज बनाएं जहां वे बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ सकें। साथ मिलकर हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आने वाले वर्ष भारत की बेटियों के लिए और भी अधिक प्रगति और अवसर लेकर आएं।"
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी, 2015 को हरियाणा के पानीपत में शुरू की गई बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना के क्रियान्वयन का एक दशक पूरा हो गया है। भारत सरकार की इस प्रमुख पहल का उद्देश्य घटते बाल लिंग अनुपात (सीएसआर) को संबोधित करना, लिंग-पक्षपाती लिंग-चयनात्मक उन्मूलन को रोकना और बालिकाओं के अस्तित्व, संरक्षण और शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह योजना भारत सरकार द्वारा सबसे प्रभावशाली सामाजिक पहलों में से एक बन गई है।