By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 29, 2021
रोम (इटली)। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका के सबसे पुराने मित्र फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ होने वाली बैठक आसान नहीं होगी। बाइडन और मैक्रों की शुक्रवार को रोम में ऐसे समय में मुलाकात होगी, जब पेरिस ऑस्ट्रेलिया के साथ गोपनीय अमेरिका-ब्रिटेन पनडुब्बी सौदे को लेकर अब भी खफा है। इस सौदे ने अमेरिकी वफादारी में यूरोप के विश्वास को झकझोर दिया था। दोनों नेताओं के बीच इस सौदे के बाद से दो बार बात चुकी है और सितंबर में सार्वजनिक हुए इस सौदे के बाद उनकी आमने-सामने की पहली बैठक फ्रांस को शांत करने की अमेरिका की एक और कोशिश है। एक शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारी ने बताया कि मैक्रों की अपेक्षा है कि बाइडन अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में फ्रांस के आतंकवाद रोधी अभियानों को समर्थन देने की ‘‘प्रतिबद्धता’’ जताएंगे।
फ्रांस चाहता है कि उस क्षेत्र में अमेरिका खुफिया और सैन्य सहयोग बढ़ाए। बाइडन और मैक्रों हिंद-प्रशांत में सहयोग के नए तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं। इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच चीन, अफगानिस्तान और ईरान पर भी वार्ता होने की संभावना है। फ्रांस ने ऑस्ट्रेलिया को पनडुब्बी मुहैया कराने के लिए सौदा किया था, लेकिन अमेरिका के नेतृत्व वाले सौदे के कारण यह सौदा रद्द हो गया था। इससे फ्रांस को 60 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और उसने कहा कि बाइडन प्रशासन ने ऑस्ट्रेलिया के साथ वार्ता को लेकर उसे गुमराह किया। उसने यह भी कहा कि बाइडन अपने देश के पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भांति रणनीतियां अपना रहे हैं। फ्रांस को सबसे अधिक नाराजगी इस बात से है कि उसे इस बड़े भूराजनीतिक बदलाव के बारे में अंधेरे में रखा गया और हिंद-प्रशांत में उसके हितों के बावजूद उसे नजरअंदाज किया गया।