By अभिनय आकाश | Mar 19, 2025
नार्थ ईस्ट का बॉर्डर भारत के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। पहले भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल वहां पहुंचे। अब गृह मंत्री अमित शाह भी नार्थ ईस्ट में हैं। भारत सरकार म्यांमार बॉर्डर को सील कर रही है। लेकिन इसका विरोध शुरू हो गया है। मिजोरम की सबसे बड़ी सिविल सोसायटी यंग मिजो एसोशिएशन ने गृह मंत्री से मांग की है कि बॉर्डर पर फेंसिंग न की जाए और फ्री मवमेंट रिजीम जारी रखा जाए। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर भारत इस फैसले पर अडिग क्यों है? क्या म्यांमार में कुछ बड़ा होने वाला है और इसका असर किन किन देशों पर पर पड़ सकता है। आपको सब विस्तार से बताते हैं। दरअसल, भारत ने म्यांमार बॉर्डर को पूरी तरह से सील करने का फैसला किया है। फ्री मूवमेंट रिजीम यानी एफएमआर को खत्म कर दिया गया है। एफएमआर के तहत भारत और म्यांमार के लोग 10 किलोमीटर के अंदर बिना वीजा के आ जा सकते थे। लेकिन अब ये सुविधा खत्म हो गई है।
ये पहली बार हो रहा है जब भारत ने म्यांमार के साथ अपनी 1645 किलोमीटर लंबी सीमा को पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है। इसके पीछे तीन बड़े कारण बताए जा रहे हैं। म्यांमार में कई विद्रोही गुट सक्रिय हैं, जैसे अराकान आर्मी, चीन समर्थित रिब्स और काचीन इंडिपेंडेंट आर्मी इनका प्रभाव भारत के बॉर्डर तक पहुंच रहा है। हाल ही में अराकान आर्मी ने रखाइन स्टेट पर कब्जा कर लिया था। म्यांमार में जारी हिंसा के चलते बड़ी संख्या में शरणार्थी भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे सुरक्षा खतरे बढ़ रहे हैं। म्यांमार के बॉर्डर से अवैध हथियार और ड्रग्स की तस्करी होती है। भारत इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।
बॉर्डर सील का मिजोरम में क्यों हो रहा विरोध
बॉर्डर पार करने के लिए एक तय गेट से गुजरना होगा और पूरी प्रक्रिया फॉलो करनी होगी। इस फैसले से सबसे ज्यादा असर नागा और कुकी जनजातियों पर पड़ेगा क्योंकि इसके रिश्तेदार म्यांमार में रहते हैं। यही वजह है कि वे इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए ये बड़ा कदम उठाया है। यंग मिजो एसोसिएशन या सेंट्रल वाईएमए की केंद्रीय समिति ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और पड़ोसी देश के साथ मुक्त आवागमन व्यवस्था को हटाने के केंद्र के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। 2011 की जनगणना के अनुसार, वाईएमए मिजोरम का सबसे बड़ा नागरिक समाज संगठन है, जिसके राज्य की लगभग 11 लाख की आबादी में से 4 लाख से अधिक सदस्य हैं।