कोरोना के खिलाफ जंग के लिए बिहार तैयार, नीतीश सरकार ने उठाए ये कदम

By अंकित सिंह | Mar 25, 2020

विश्व के साथ-साथ पूरे देश में कोरोना वायरस बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों के लिए देश को लॉकडाउन करने की घोषणा की है। इसको देखते हुए राज्य सरकारों ने भी कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। बात बिहार के करते है। दरअसल, बिहार में अब तक करोना के 4 मामले आए हैं जिसमें से एक की मौत हो चुकी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए अधिकारियों और चिकित्सा कर्मियों के साथ बैठके ले रहे हैं। आज ही सुबह नालंदा मेडिकल कॉलेज में एक मरीज को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। इस बीच में बिहार सरकार ने नालंदा मेडिकल कॉलेज को कोरोना स्पेशल अस्पताल बनाने का फैसला लिया है। नालंदा मेडिकल कॉलेज में फिलहाल सिर्फ कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। इसके अलावा वहां जांच के लिए भी व्यवस्थाएं ठीक की जा रही है। नालंदा मेडिकल कॉलेज के अलावा पटना के IGIMS, AIIMS और PMCH में भी आइसोलेशन बेड्स की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। बिहार में अबतक 191 लोगों के टेस्ट हुए हैं। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री और पटना से सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि बिहार में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए व्यवस्थाएँ और मजबूत हो इस निम्मित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन जी से PMCH और AIIMS पटना में कोरोना के स्वॉब टेस्टिंग की अतिरिक्त व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए आग्रह किया है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के आग्रह पर केंद्रित श्रम मंत्री संतोष गंगवार से बात की और बिहटा स्थित ESIC के अस्पताल को कोरोना मरीज़ों का आइसोलेशन केंद्र बनाने के लिए आग्रह किया। बहुत ख़ुशी हुई कि उन्होंने इस अनुरोध को तुरंत स्वीकार किया और इसके लिए सहमति दे दी। साथ ही साथ बिहार सरकार के आदेश पर हर सरकारी अस्पताल जोकि जिला, मंडल तथा प्रमंडल के स्तर पर है, सभी में डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है। जिला अधिकारी लगातार सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर रहे हैं। अनुपस्थित डॉक्टरों पर कार्यवाही की जा रही है। इसके अलावा हर जिले में एक हेल्पलाइन नंबर दिया जा रहा है। जिला स्तर पर भी संदिग्ध मरीजों के लिए अलग से आइसोलेटेड डिब्बे की व्यवस्थाएं की जा रही है साथ ही साथ आवश्यकता पड़ने पर शहर के होटल को भी आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने की तैयारियां शुरू की जा सकी है। इस बीच बिहार सरकार ने साफ-सफाई पर भी जोर लगा दिया है। लगातार पटना सहित अन्य जिलों में फॉगिंग कराई जा रही है। सफाई कर्मचारी जुटे हुए हैं। पूर्ण लॉकडाउन की स्थिति में सरकार की ओर से लोगों को घर में ही रहने की हिदायत दी जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से के तरफ से भी राहत के पैकेज का ऐलान किया गया है। बिहार पुलिस भी संकट की इस घड़ी में पूरी तरह से मुस्तैद नजर आ रही है। विदेश या फिर किसी अन्य जगह से बिहार लौटे व्यक्ति को पुलिस जांच के लिए ले जा रही है। इसके अलावा लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सड़क पर वाहन निकलने की स्थिति में चालान काटे जा रहे हैं। मामला अतिरिक्त बिगड़ने पर स्थिति से बलपूर्वक भी निपटा जा रहा है। बिहार सरकार के ही आग्रह पर रेल सेवाओं और हवाई यातायात पर ब्रेक लगाने की बात सामने आई थी जिसे स्वयं नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा था। बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने भी लोगों से आग्रह किया है कि वह अपने घरों में रहे। लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें। पुलिस को किसी भी तरह का बल पूर्वक कार्रवाई के लिए मजबूर ना करें।


नीतीश कुमार का ऐलान

बिहार में भी कोरोना वायरस का प्रकोप है। इसी को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मियों को 1 माह का प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया है। यह राशि वेतन के अलग से दिया जाएगा। सरकार ने राशन कार्ड धारी परिवारों को 1 महीने का राशन मुफ्त में देने की घोषणा की है। इसके अलावा वृद्धजन पेंशन, दिव्यांग पेंशन, विधवा पेंशन और वृद्धावस्था पेंशन के तहत सभी को 3 महीने की पेंशन तत्काल अग्रिम तौर पर दी जाएगी। इसके अलावा 1 से लेकर 12वीं तक के छात्रों को 31 मार्च तक की छात्रवृत्ति दी जाएगी।

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