Bihar: धान की फसल से खरपतवार हटाने के लिए खास रसायनों का करें छिड़काव

By प्रेस विज्ञप्ति | Sep 23, 2025

राज्य में खरीफ धान फसल की रोपनी इन दिनों चल रही है। धान की आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीक से खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत रहती है। इसी कड़ी में अब कृषि विभाग ने धान की फसल से खरपतवार हटाने के लिए सलाह जारी की है।  कृषि विभाग ने जारी सलाह में कहा है कि किसान रसायनों की अनुशंसित मात्रा का ही प्रयोग करें। खरपतवारनाशी रसायनों का प्रयोग करते समय भूमि में पर्याप्त नमी होनी चाहिए। छिड़काव सदैव हवा शान्त रहने तथा साफ मौसम में करना चाहिए। खरपतवारनाशी रसायनों के छिड़काव के लिए फ्लैट फैन/फ्लड जेट नोजल का ही व्यवहार किया जाना चाहिए। सामान्यतः धान की फसल में दो निकाई-गुड़ाई की आवश्यकता पड़ती है। पहली निकाई-गुड़ाई, बुआई अथवा रोपनी के 20-25 दिन बाद तथा दूसरी 40-45 दिन बाद करके खरपतवारों का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।

 

इसे भी पढ़ें: पूर्वी चंपारण में एनडीए कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार


फसल एवं खरपतवार की प्रतिस्पर्धा के क्रान्तिक समय में मजदूरों की कमी या असामान्य मौसम के कारण कभी-कभी खेत में अधिक नमी हो जाने के फलस्वरूप यांत्रिक विधि से निकाई-गुड़ाई संभव नहीं हो पाती है, जिस कारण किसान खरपतवारनाशी का उपयोग धान में खरपतवार प्रबंधन के लिए करते हैं। 

 

खरपतवार उगने के पहले होता है पेंडीमेथिलीन 30%ईसी का प्रयोग

पेंडीमेथिलीन 30 प्रतिशत ईसी यह खरपतवारनाशी प्री-इमरजेन्स (खरपतवार उगने के पूर्व) प्रकृति का है, इसकी 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से बुआई के 3-5 दिनों के अंदर 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।  वहीं बूटाक्लोर 50 % ईसी रोपनी के 2-3 दिनों (72 घंटे) के अन्दर 2.5 लीटर 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए। अथवा 50-60 किलोग्राम सूखे बालू में मिलाकर भुड़काव किया जा सकता है, भुड़काव के समय खेत में हल्का पानी लगा रहना आवश्यक है।


प्रेटिलाक्लोर 50 प्रतिशत ईसी रोपनी के 2-3 दिनों के अन्दर 1.25 लीटर की मात्रा को 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। ऑक्सीफ्लोरफेन 23.5 प्रतिशत ईसी का 650- 1000 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव किया जा सकता है। जीरोटिलेज या सीडड्रील विधि से सीधी बुआई में उसे 3 से 5 दिनों के अन्दर व्यवहार करना चाहिए।

 

इसे भी पढ़ें: प्रधानमंत्री 75 लाख महिलाओं के खाते में भेजेंगे 10 हजार रुपये की राशि, 26 सितंबर को जारी होने जा रही पहली किस्त


पाइराजोसल्फॉन ईथाइल 10 प्रतिशत डब्लूपी इस खरपतवारनाशी का 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से रोपनी के 8 से 10 दिन के अन्दर 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव या 50-60 किलोग्राम सूखे बालू में मिलाकर व्यवहार किया जाना चाहिए। विस्पाइरी बैंक सोडियम 10 % एसएल खरपतवारनाशी पोस्ट ईमरजेन्स (खरपतवार उगने के पश्चात) प्रकृति का है। इसका व्यवहार 200 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से बुआई या रोपनी 15-20 दिनों के अंदर 700-800 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर में मिलाकर छिड़काव किया जाना चाहिए।


प्रमुख खबरें

Supreme Court ने 26 आंतरिक समितियों का पुनर्गठन किया

Ghaziabad: ग्राहकों के खातों से 65 लाख रुपये के गबन का आरोपी बैंक कर्मी गिरफ्तार

आर्थिक तंगी, घर खाली करने के दबाव के कारण परिवार के सदस्यों के आत्महत्या करने का संदेह: पुलिस

संविधान कमजोर कर रही मोदी सरकार, सामाजिक न्याय के लाभ पलटे गए: खरगे