बिलावल भुट्टो-जरदारी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 28, 2022

 इस्लामाबाद| पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत बेनजीर अली भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो-जरदारी ने बुधवार को देश के विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नीत नयी सरकार में बिलावल की भूमिका को लेकर लगायी जा रही अटकलों को विराम लग गया।

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित सादे समारोह में 33 वर्षीय बिलावल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री व बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी और अन्य अधिकारी तथा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कई नेता वहां मौजूद थे।

ऐसा पहली बार है जब सरकार में बिलावल को महत्वपूर्ण भूमिका और विदेश मंत्री जैसा बेहद महत्वपूर्ण पद सौंपा गया है। वह पहली बार 2018 में निर्वाचित होकर नेशनल एसेम्बली पहुंचे थे।

बिलावल ऐसे वक्त में विदेश मंत्री बने हैं जब पाकिस्तान को बेहद नाजुक हालात से गुजरते हुए विदेश नीति को संतुलित बनाकर आगे बढ़ने की जरूरत है। विदेश मंत्री के रूप में बिलावल को जिन मुख्य चुनौतियों से निपटना होगा उनमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों की पृष्ठभूमि में अमेरिका से तनावपूर्ण हुए संबंधों को सुधारना और पड़ोसी देश भारत के साथ शांति प्रक्रिया फिर से शुरू करने का रास्ता तलाशना शामिल है।

गौरतलब है कि बिलावल पिछले ही सप्ताह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ से लंदन में मिले थे और पाकिस्तान में राजनीतिक हालात पर चर्चा की थी। इन दौरान दोनों नेताओं ने राजनीति और राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों पर साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया था। इस मुलाकात के एक सप्ताह बाद आज बिलावल ने विदेश मंत्री के रूप में शपथ ली है।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में 11 अप्रैल को बनी पाकिस्तान की मौजूदा गठबंधन सरकार में पीपीपी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। शहबाज शरीफ पीएमएल-एन के अध्यक्ष हैं।

प्रमुख खबरें

केकेआर के सुपरमैन हैं सुनील नारायण , फैशनपरस्त हैं रसेल : शाहरूख

LokSabha Elections: 7 राज्यों में 25 रैलियां, हिंदुत्व की धार, योगी का धुंआधार प्रचार

अगर असली शिवसेना अध्यक्ष हो तो...उद्धव ठाकरे को अमित शाह ने महाराष्ट्र में आकर दिया चैलेंज

Prajatantra: राहुल को रायबरेली से उतारने के पीछे क्या है कांग्रेस की रणनीति, Modi ने क्यों कहा- भागो मत