Rajasthan Election 2023: राजस्थान की सीट पर बीजेपी-कांग्रेस उतारेगी नए चेहरे, जानिए क्यों दिग्गजों ने खड़े किए हाथ

By अनन्या मिश्रा | Oct 04, 2023

राजस्थान के सीकर जिले की श्रीमाधोपुर विधानसभा सीट काफी अहम है। इस बार कांग्रेस के दिग्गज नेता दीपेंद्र सिंह शेखावत ने चुनाव नहीं लड़े जाने की बात बोली है। तो वहीं भाजपा ने इस सीट से अपने किसी मजबूत प्रत्याशी को मैदान में उतारने की तैयारी में है। अंदेशा जताया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस इस सीट से ओबीसी चेहरे पर दांव लगा सकती है। क्योंकि यहां पर यादव वोटर्स की संख्या ज्यादा है। वहीं भाजपा भी ओबीसी चेहरे की तलाश में है।


बता दें कि इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपनी तऱफ तैयारी तेज कर दी है। क्योंकि दोनों दिग्गज नेता हाथ खड़े कर चुके हैं। यहां पर एक बार निर्दलीय को भी जीत का मौका मिला है। वैसे तो इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर देखी जाती है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से कई नेताओं ने आवेदन भी किया है। यहां पर जातिगत समीकरण में कांग्रेस नेता बलराम यादव आगे बताए जा रहे हैं। वहीं अंतिम बाजी दीपेंद्र सिंह शेखावत पर है। इन दोनों पर सभी की नजरें बनी हुई हैं।

इसे भी पढ़ें: Rajasthan News: चुनाव से पहले प्रदेश में बढ़ सकती हैं कांग्रेस की मुश्किलें, सॉफ्ट हिंदुत्व के जरिए BJP कर सकती है खेल

श्रीमाधोपुर विधानसभा सीट के आंकड़े

वैसे तो सीकर जिले की यह विधानसभा सीट हर मामले में आगे हैं, लेकिन इस सीट पर पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य को और बेहतर करने की आवश्यकता है। बता दें कि इस सीट पर कुल 2,70, 980 हैं। जिनमें 1,43, 500 पुरुष और 1,27,480 महिला वोटर हैं। साल 2018 में  71.92,  साल 2013 74.24 और साल 2008 में 63.3% मतदान किया गया था। इस सीट का जातिगत समीकरण ऐसा है कि यहां पर यादव, एससी, जाट, राजपूत, माली बाहुल्य संख्या में है। परिसीमन के बाद जुड़ी 11 नई ग्राम पंचायतों की वजह से यहां पर गुर्जर जाति के मतदाताओं की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है। यादव, माली, गुर्जर यहां पर किंगमेकर की भूमिका निभाते हैं। 


भैंरों सिंह शेखावत ने दर्ज की थी जीत

इस सीट से बीजेपी के पुरोधा और पूर्व सीएम भैंरो सिंह शेखावत ने एक बार जीत हासिल की थी। उस दौरान यह चुनाव काफी रोचक हो गया था। साल 1957 में कांग्रेस ने पहली बार महिला प्रत्याशी गीता बजाज को मैदान में उतारा था। उस समय जनसंघ के भैंरोंसिंह शेखावत चुनाव मैदान में सामने थे। इस दौरान उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद हरलाल सिंह खर्रा का दौर आया। साल 1967 में पहली बार वह पहली बार जनसंघ से विधायक बने। इसके बाद साल 1972 में दो प्रत्याशी होने की वजह से जनसंघ और कांग्रेस में सीधा मुकाबला हुआ। इस चुनाव में सांवरमल मोर ने जनसंघ के प्रत्याशी हरलाल सिंह खर्रा हो हराया था। इसके बाद कांग्रेस का जो दौर साल 2018 में दीपेंद्र सिंह शेखावत के कारण आया। वह आज तक भी बरकरार है।

प्रमुख खबरें

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई

कब से सामान्य होगी इंडिगो की उड़ानें? CEO का आया बयान, कल भी हो सकती है परेशानी