By अंकित सिंह | Sep 26, 2025
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी की विदेश नीति को "विफल" करार दिया और अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण भारत के व्यवसायों और व्यापार को हो रहे नुकसान के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया। अखिलेश यादव की यह कड़ी आलोचना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 1 अक्टूबर से प्रभावी ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं के आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद आई है।
अखिलेश यादव ने एएनआई से कहा कि वे हमारी अर्थव्यवस्था को लगातार नुकसान पहुँचा रहे हैं। और टैरिफ के कारण हमारे व्यापार को नुकसान हो रहा है। भाजपा की विदेश नीति विफल होती दिख रही है। यह उनकी विफलता है कि हमारे व्यवसाय, व्यापार और हमारा राष्ट्र नुकसान उठा रहे हैं। अगर 50-100% टैरिफ लग जाएँ तो हमारे व्यापारी और कारोबारी क्या करेंगे? 100 प्रतिशत टैरिफ केवल पेटेंट या ब्रांडेड उत्पादों पर लागू होते हैं और जेनेरिक दवाओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत द्वारा अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात में मुख्य रूप से जेनेरिक दवाएं और सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) शामिल हैं, जो इस टैरिफ के अंतर्गत नहीं आते।
इंडियन फार्मास्युटिकल अलायंस (आईपीए) के महासचिव सुदर्शन जैन ने कहा, "आयातित दवाओं पर यह [100 प्रतिशत टैरिफ] अमेरिका के बाहर निर्मित पेटेंट ब्रांडेड उत्पादों पर लागू है। यह जेनेरिक दवाओं पर लागू नहीं होता, क्योंकि भारत अमेरिका को ज़्यादातर जेनेरिक उत्पाद ही देता है। भारत अमेरिका को लगभग 10 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य की दवाइयाँ निर्यात करता है। इनमें मुख्य रूप से जेनेरिक उत्पाद और एपीआई शामिल हैं। इसलिए इस आदेश से भारत पर कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है।"
भारतीय दवा क्षेत्र विभिन्न टीकों की वैश्विक मांग का 50 प्रतिशत से अधिक, अमेरिका में जेनेरिक मांग का 40 प्रतिशत और ब्रिटेन में सभी दवाओं का 25 प्रतिशत आपूर्ति करता है। भारत का वार्षिक दवा और दवा निर्यात वित्त वर्ष 25 में रिकॉर्ड 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर को छू गया, जो मार्च में साल-दर-साल 31 प्रतिशत की वृद्धि से मजबूत हुआ। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, दवा और दवा निर्यात अगस्त 2024 में 2.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 6.94 प्रतिशत बढ़कर अकेले अगस्त 2025 में 2.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
इसके अतिरिक्त, अखिलेश यादव ने जीएसटी सुधारों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि क्या सरकार पिछले नौ वर्षों से जीएसटी के नकारात्मक प्रभाव से अनजान थी। यादव ने तर्क दिया कि नए सुधार सरकार के मुनाफे को बनाए रखते हैं, क्योंकि उन्होंने एक क्षेत्र में जीएसटी बढ़ाया और दूसरे में इसे कम किया।