Bengal Election से पहले आदिवासी वोटों पर बीजेपी का फोकस, क्यों अहम है बंगाल का 'जंगल महल'

By अभिनय आकाश | Aug 27, 2025

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम समय बचा है, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के आदिवासी बहुल इलाकों पर अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर आदिवासी समुदाय की व्यवस्थित उपेक्षा और अत्याचार का आरोप लगाया है। पार्टी अब आदिवासी अधिकारों पर केंद्रित एक बड़े राजनीतिक आंदोलन की तैयारी कर रही है। विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने पुरुलिया, मेदिनीपुर और देबरा सहित विभिन्न जिलों में आदिवासियों के खिलाफ हिंसा और अन्याय की पाँच हालिया घटनाओं के ठोस सबूत पेश किए।

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एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अधिकारी ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर हाशिए पर पड़े समुदायों, विशेषकर जंगल महल क्षेत्र में लक्षित रूप से परेशान करने का आरोप लगाया। पिछले एक महीने में ही हमने आदिवासियों पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अत्याचार देखे हैं। आदिवासी समुदाय की उपेक्षा की जा रही है, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और न्याय से वंचित रखा जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि हम सबूत इकट्ठा कर रहे हैं और अदालत का रुख करेंगे। ज़रूरत पड़ने पर हम राज्यपाल से भी मिलेंगे।

भाजपा द्वारा प्रस्तुत कथित घटनाओं की सूची:

1. पुरुलिया - आदिवासी महिलाओं पर कथित अत्याचार।

2. मेदिनीपुर - एक आदिवासी फुटबॉल रेफरी की तृणमूल नेता ने पिटाई की; हालाँकि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन जल्द ही उसे ज़मानत मिल गई।

3. झारग्राम - सुबल सोरेन की नौकरी छूटने के बाद स्ट्रोक से कथित तौर पर मृत्यु हो गई, जिसे भाजपा "संस्थागत हत्या" का मामला बताती है।

4. देबरा - भाजपा का दावा है कि डॉ. सोरेन की पुलिस ने संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या कर दी।

5. पुरुलिया - आदिवासी युवक धनंजय को एक विशेष धार्मिक समुदाय के लोगों ने कथित तौर पर प्रताड़ित किया।

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