कमलनाथ को समर्थन देने वाले भाजपा विधायक ने कहा, मैं भाजपा में था, हूं और रहूंगा भी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 16, 2019

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में विधेयक पर मत विभाजन के दौरान करीब ढाई महीने पहले अपना समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को देने वाले भाजपा के दो विधायकों में से एक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि ‘‘मैं भाजपा में था, भाजपा में हूं और भाजपा में ही रहूंगा।’’ कमलनाथ सरकार को मत विभाजन करने के बाद मंगलवार को वह पहली बार यहां दीनदयाल परिसर स्थित भाजपा मुख्यालय में आये और संवाददाताओं से बातचीत के दौरान ऐसा कहा। 

इसे भी पढ़ें: ज्योतिरादित्य सिंधिया महाराष्ट्र की जगह मध्यप्रदेश पर दे रहे ध्यान, कमलनाथ को लिखा दूसरा पत्र

वह मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता के साथ आये और पार्टी को समर्थन देने की बात भी कही। त्रिपाठी ने कहा, ‘‘मैं भाजपा में था, भाजपा में हूं और भाजपा में रहूंगा। मैं (मध्य प्रदेश के कांग्रेस नीत सरकार के) मंत्रियों एवं मुख्यमंत्री के संपर्क में था, ताकि अपने विधानसभा क्षेत्र मैहर में विकास का काम जारी रख सकूं। लेकिन असलियत में मैं तो भाजपा के साथ ही था।’’ मालूम हो कि 28 जुलाई को भाजपा को उस वक्त करारा झटका लगा था जब मध्य प्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान उसके दो विधायकों नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को दे दिया था। 

इसे भी पढ़ें: झाबुआ उपचुनाव: भाजपा उम्मीदवार को जिताओ, दीपावली बाद दोबारा CM बन जायेंगे शिवराज

जब त्रिपाठी से यह पूछा गया कि उन्होंने तब कमलनाथ सरकार को समर्थन क्यों दिया, तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं और शरद कोल समझ रहे थे कि भाजपा उस विधेयक का समर्थन कर रही है, इसलिए ऐसा किया था। उन्होंने कहा कि लेकिन उसके बाद से ही हम दोनों विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में थे और भाजपा की नीतियों का समर्थन करते हैं, न कि कांग्रेस की। ये दोनों विधायक पूर्व में कांग्रेसी नेता रहे हैं और पिछले साल मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। हालांकि, विधेयक पर मत विभाजन के दौरान अपना समर्थन कांग्रेस सरकार को देने के तुरंत बाद भाजपा के इन दोनों विधायकों ने कहा था कि यह उनकी ‘‘घर वापसी’’ (कांग्रेस में) है।

 

प्रमुख खबरें

भारत में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुला, संसद से नया कानून पास

Bangladesh: शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका में हिंसा, भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर असर

निफ्टी और सेंसेक्स में चार दिन बाद तेजी, वैश्विक संकेतों से बाजार को सहारा

Adani Group का बड़ा दांव: एयरपोर्ट कारोबार में पांच साल में ₹1 लाख करोड़ निवेश की योजना