By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 30, 2019
गुवाहाटी। भाजपा नीत नार्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के ज्यादातर घटक दलों सहित पूर्वोत्तर की 10 राजनीतिक पार्टियों और बिहार में भगवा पार्टी के सहयोगी दल जदयू ने ‘‘नागरिकता संशोधन विधेयक’’ का विरोध करने का यहां मंगलवार को सर्वसम्मति से फैसला लिया। पार्टियों की बैठक में यह फैसला भी किया गया कि सभी दलों की भागीदारी वाला एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विधेयक के प्रति अपने विरोध से अवगत कराएगा। उल्लेखनीय है कि पूर्वोत्तर के आठों राज्यों में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं और केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की आगामी चुनाव में इन सीटों पर भी नजर है।
बैठक में यह भी फैसला किया गया कि सभी दलों से संपर्क साधने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की पहल पर यह बैठक बुलाई गई थी। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा भी बैठक में शामिल हुए। यह पूछे जाने पर कि क्या वे लोग कांग्रेस से भी संपर्क करेंगे, संगमा ने कहा, ‘‘हम यहां उन सभी दलों के साथ काम करने आए हैं जो इस विधेयक के विरोध में हैं और संसद के अंदर एवं बाहर हमारे कदम का समर्थन किया है।’’
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इस मुद्दे को लेकर असम में सर्वानंद सोनोवाल नीत भाजपा सरकार से हाल ही में समर्थन वापस लेने वाले असम गण परिषद (एजीपी) भी बैठक के आयोजन से संबद्ध था। बैठक में भाग लेने वाले 10 राजनीतिक दलों में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ), यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी), असम गण परिषद (एजीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी), हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ), इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) और केएचएनएएम शामिल हैं। बैठक में जनता दल - यूनाइटेड (जदयू) का प्रतिनिधित्व इसके पूर्वोत्तर प्रभारी एनएसएन लोथा ने किया।