By रेनू तिवारी | Jul 08, 2025
पूर्णिया जिले में भीड़ ने रविवार शाम को एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी, जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं। आरोप है कि पांच में से एक 45 वर्षीय महिला जादू-टोना करती थी। उसके उपर डायन का साया था और वह पूरे परिवार को अपने वश में कर चुकी थी। पुलिस ने बताया कि तीन महिलाओं सहित एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। इस घटना को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधा।
पूर्णिया के पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रमोद कुमार मंडल ने कहा, ‘‘शुरुआती जांच से पता चलता है कि टेटमा गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की पहले जादू-टोना करने के शक में हत्या की गई। ऐसा लगता है कि आरोपियों ने फिर उनके शवों को झाड़ियों में जला दिया। घटना रविवार रात की है।’’
मंडल ने बताया कि जांच से यह भी पता चला है कि सीता देवी, काली, रानी देवी, बाबू लाल और मंजीत राम की हत्या के दौरान कुल 30-40 ग्रामीण वहां मौजूद थे। उन्होंने बताया कि हत्या करने के बाद वे उनके शव को ट्रैक्टर में रखकर झाड़ियों में ले गए और जला दिया। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के एक वर्ग ने दावा किया है कि गांव में हाल ही में हुई एक बच्चे की मौत के कारण यह हत्या की गई होगी। इस सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई अन्य को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
मुफ्फसिल पुलिस थाने के एक अन्य अधिकारी ने कहा, संदेह है कि हाल ही में गांव में काले जादू के कारण लड़के की मौत हुई है। इसकी आगे जांच की जा रही है। सभी मृतक एक विशेष जनजाति के थे। डीआईजी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया, साथ ही फोरेंसिक विशेषज्ञों और जांचकर्ताओं की सहायता के लिए ‘डॉग स्क्वायड’ को भी मौके पर भेजा गया। डीआईजी ने भी घटनास्थल का दौरा किया।
विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में बिहार में हुई कई अन्य हत्याओं को सूचीबद्ध किया। राजद नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पूर्णिया में एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाकर मार दिया। डीके टैक्स के कारण बिहार में अराजकता चरम पर, डीजीपी/मुख्य सचिव बेबस, कानून व्यवस्था ध्वस्त।’’ यादव पिछले कुछ महीनों से डीके टैक्स के बारे में बोलते रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी यह स्पष्ट नहीं किया कि डीके कौन है या क्या है। उन्होंने कहा, ‘‘परसों सिवान में तीन लोगों की नरसंहार में मौत। विगत दिनों बक्सर में नरसंहार में तीन की मौत। भोजपुर में नरसंहार में तीन की मौत। अपराधी सतर्क, मुख्यमंत्री अचेत। डीके की मौज क्योंकि डीके ही असल बॉस।’’ पूर्णिया से निर्दलीय लोकसभा सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या शर्मनाक है।
उन्होंने एक्स पोस्ट किया, ‘‘मैं शर्मिंदा हूं। दुनिया मंगल ग्रह पर पहुंच गई है और हमारे लोग जादू-टोने के शक में नरसंहार कर रहे हैं! बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश कुमार ने घटना की निंदा की। उन्होंने कहा, मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि राज्य में लोग, खासकर गरीब, दलित और सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोग सुरक्षित नहीं हैं। इसे जंगलराज कहा जाता है।
मुख्यमंत्री को क्या हो गया है? वे राज्य में दयनीय कानून व्यवस्था पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं? भाकपा (माले) लिबरेशन के बिहार राज्य सचिव कुणाल ने भी पूर्णिया में हुई हत्याओं की निंदा की। उन्होंने कहा, यह एक चौंकाने वाली घटना है और यह राज्य में ध्वस्त कानून व्यवस्था को दर्शाता है। राजग दलों के नेता दलित और गरीब विरोधी हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों में लोग उन्हें करारा जवाब देंगे।