By दिव्यांशी भदौरिया | Oct 04, 2025
अक्टूबर का महीना ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता के लिए जाना जाता है। इस दौरान लोगों को ब्रेस्ट कैंसर के संबंधित में जानकारी, सूचना व जागरुक किया जाता है। आमतौर पर इस खतरनाक बीमारी से जुड़ी व्यापक मिथकों को दूर करने के लिए यह समय सबसे महत्वपूर्ण है। समाजिक तौर पर ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी को लेकर गलत जानकारी लोगों में पैदा हो रखी है। ऐसे में स्तन कैंसर संबंधित जितनी भी धारणाएं बनीं हुई है, उनको दूर करना बेहद जरुरी है।
ब्रेस्ट कैंसर के बारे में 10 मिथकों का खंडन
- मिथक: स्तन कैंसर केवल उन महिलाओं को प्रभावित करता है जिनके परिवार में इस रोग का इतिहास रहा हो।
फैक्ट: यह स्तन कैंसर के सबसे खतरनाक मिथकों में से एक है। डॉक्टर के मुताबिक- "स्तन कैंसर से पीड़ित ज़्यादातर लोगों का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं होता।" केवल 5-10% मामलों को ही जेनेटिक माना जाता है, जो BRCA1/2 जैसे आनुवंशिक जीन उत्परिवर्तन के कारण होते हैं। इसलिए, सभी को जागरूक होने और नियमित जांच कराना बेहद जरुरी है।
-मिथक: स्तन में गांठ का मतलब है कि आपको स्तन कैंसर है।
फैक्ट: स्तन में पाई जाने वाली लगभग 80% गांठें सौम्य (कैंसर रहित) होती हैं, जैसे सिस्ट या फाइब्रोएडेनोमा। हालांकि, डॉक्टर ने बताया है कि "किसी भी नई या लगातार बनी रहने वाली गांठ या बदलाव की हमेशा किसी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर द्वारा जांच करवानी चाहिए।"
- मिथक: अंडरवायर ब्रा पहनने से स्तन कैंसर होता है।
फैक्ट: इस मिथक सबसे बड़ा झूठ है और इसे खंडन किया जा चुका है। डॉक्टर के मुताबिक, "अंडरवायर ब्रा और ब्रेस्ट कैंसर के बीच संबंध का कोई वैज्ञानिक प्रमाण मिला नहीं है। यह सिद्धांत कि ब्रा लसीका प्रवाह को रोकती है और इस प्रकार कैंसर का कारण बनती है, तो यह मिथक बेबुनियाद है।"
- मिथक: स्तन कैंसर केवल मध्यम आयु वर्ग या अधिक उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है।
फैक्ट: ब्रेस्ट कैंसर का खतरा उम्र बढ़ने के साथ जोखिम निश्चित रूप से बढ़ता है, लेकिन स्तन कैंसर केवल वृद्ध लोगों की बीमारी नहीं है। डॉक्टर ने बताया कि, "युवा महिलाओं को भी स्तन कैंसर हो सकता है।" 50 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों का एक बड़ा प्रतिशत होता है, और यह याद रखना ज़रूरी है कि पुरुषों को भी यह बीमारी हो सकती है।
- मिथक: डिओडोरेंट्स और एंटीपर्सपिरेंट्स स्तन कैंसर का कारण बनते हैं।
फैक्ट: पैराबेन और एल्युमीनियम जैसे केमिकल को लेकर चिंताओं ने इस मिथक को और हवा दी है। हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया है कि "एंटीपर्सपिरेंट्स या डिओडोरेंट्स के इस्तेमाल और स्तन कैंसर के विकास के बीच कोई निश्चित वैज्ञानिक संबंध नहीं है।"
- मिथक: मैमोग्राम कराने से निकालने वाली तरंगे या दबाने के कारण स्तन कैंसर हो सकता है।
फैक्ट: यह डर स्क्रीनिंग में एक बड़ी बाधा बन सकता है। डॉक्टर ने कहा है कि "मैमोग्राम से निकालने वाले कणों से बहुत कम खुराक का उपयोग होता है और इससे कैंसर न तो होता है और न ही फैलता है।" वास्तव में, मैमोग्राम प्रारंभिक पहचान के लिए सबसे अच्छा उपकरण है, जो उपचार के रिजल्ट को बेहतर बनाने की कुंजी है।
- मिथक: चीनी का सेवन सीधे तौर पर स्तन कैंसर का कारण बनता है या उसे बढ़ावा देता है।
फैक्ट: सभी कोशिकाएं, स्वस्थ और कैंसरग्रस्त दोनों, ऊर्जा के लिए ग्लूकोज (रक्त में शर्करा) का उपयोग करती हैं। डॉक्टर ने चेतावनी देते हैं कहा है कि, "इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि आहार में शर्करा सीधे स्तन कैंसर का कारण बनती है। हालांकि, हाई शुगर वाले आहार से वज़न बढ़ सकता है और मोटापा हो सकता है, जो कि एक जोखिम कारक है।"
- मिथक: स्तन कैंसर हमेशा एक ध्यान देने योग्य गांठ के रूप में प्रकट होता है।
फैक्ट: जागरूकता के लिए यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है। डॉक्टर कहते हैं कि, "स्तन कैंसर हमेशा एक स्पर्शनीय गांठ का कारण नहीं बनता। अन्य सामान्य लक्षणों में शामिल हैं: स्तन की त्वचा में परिवर्तन (गड्ढे या लालिमा), निप्पल का उलटना या स्राव, और पूरे स्तन या उसके कुछ हिस्से में सूजन।"
- मिथक: स्तन कैंसर संक्रामक है।
फैक्ट: स्तन कैंसर शरीर में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। डॉक्टर पुष्टि करते हैं कि यह संक्रामक नहीं है। आप इसे किसी अन्य व्यक्ति से नहीं पकड़ सकते या संपर्क के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को नहीं फैला सकते।
मिथक: यदि आप सेहतमंद वजन बनाए रखें, व्यायाम करें और अच्छा खाएं, तो आपको स्तन कैंसर नहीं होगा।
फैक्ट: यह कहा जा सकता है कि एक स्वस्थ जीवनशैली आपके जोखिम को काफी कम कर सकती है, लेकिन यह सुरक्षा की गारंटी नहीं देती। उम्र, आनुवंशिकी और हार्मोनल कारक जैसे जोखिम कारक अभी भी भूमिका निभाते हैं। इसी कारण, डॉक्टर ने कहा है कि- इसका निष्कर्ष निकालते हैं, "नियमित रुप से चेकअप ज़रूरी हैं।"