बृजेश पाठक ने अपनी सरकार के अधिकारियों की लापरवाही से नाराज होकर आलाकमान को लिख दी थी चिट्ठी, जनता से करते हैं सीधा संपर्क

By टीम प्रभासाक्षी | Mar 27, 2022

योगी 2.0 सरकार में बृजेश पाठक को  उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके बृजेश पाठक को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता है। बृजेश पाठक के बारे में यह बात कही जाती है कि आवाम से जुड़े हितों के लिए वह प्रशासनिक अधिकारियों को भी निशाने पर ले लेते हैं। बृजेश पाठक योगी आदित्यनाथ सरकार के पिछले कार्यकाल में कानून मंत्री थे। इसी दौरान देशभर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी कोविड महामारी विकराल हो गई थी। बतौर कानून मंत्री बृजेश पाठक ने इस दौर में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को निशाने पर लिया था, इतना ही नहीं उन्होंने इस लापरवाही के लिए आलाकमान को चिट्ठी तक लिख दी थी। अब बृजेश पाठक उप मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं। बृजेश पाठक का जमीनी जुड़ाव न सिर्फ पार्टी को मजबूत करने का काम करेगा बल्कि पार्टी की लोकप्रियता भी बढ़ेगी।

आपको बता दें उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की एक चिट्ठी कोविड के दौर में वायरल हुई थी। इस चिट्ठी में उन्होंने मरीजों के इलाज में बरती जा रही लापरवाही के लिए प्रशासन पर नाराजगी जताई थी। बृजेश पाठक कानून मंत्री रहते हुए अधिकारियों को भी निशाने पर लेते थे जिसके चलते यह कहा जाने लगा था कि एक मंत्री इतना खुलकर कैसे लिख सकता है।

रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हनुमान त्रिपाठी कहते हैं कि बृजेश पाठक जनता के दर्द को समझते थे। यही कारण था कि कोरोना महामारी के उस भयानक दौर में अधिकारियों की लापरवाही के चलते उन्होंने अधिकारियों को निशाने पर लिया था। नतीजा यह हुआ कि उनकी इस चिट्ठी से सिस्टम नींद से जागा और बृजेश पाठक को जनता  ने सिर आंखों पर बिठा लिया।

अवध बार एसोसिएशन के सदस्य र योगेश त्रिपाठी कहते हैं कि यही कारण हैं कि बृजेश पाठक सीधे तौर पर जनता से जुड़े रहते हैं। सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि पूरे सूबे कि लोग उनसे सीधे तौर पर संपर्क कर सकते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जाता है। बीजेपी आलाकमान को भी यह बात पता है कि बृजेश पाठक जमीन से जुड़े हुए नेता हैं और यही वजह है कि उनको इस बार उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। 

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