By एकता | Jul 06, 2025
पिछले महीने आपातकालीन लैंडिंग के बाद से 22 दिनों से तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर फंसे ब्रिटिश रॉयल एयर फ़ोर्स के अत्याधुनिक F-35 लड़ाकू विमान को आखिरकार ठीक करने का काम शुरू हो गया है। ब्रिटेन से तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम आज तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, यह टीम ब्रिटिश रॉयल एयर फ़ोर्स के एयरबस ए400एम एटलस विमान से आई थी, जिसने विशेषज्ञों को भारत छोड़कर वापसी की उड़ान भर ली है। एक वीडियो में F-35 को हवाई अड्डे पर उसकी जगह से हैंगर में ले जाते हुए दिखाया गया है, जबकि एक अन्य वीडियो में एयरबस ए400एम एटलस विमान को वापस जाते हुए देखा गया।
रक्षा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस F-35 लड़ाकू विमान को केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्थित एयर इंडिया हैंगर में ले जाया गया है। यहीं पर यूके रॉयल एयर फ़ोर्स की तकनीकी टीम इसकी मरम्मत करेगी और इसे वापस ले जाने का प्रयास करेगी। यह देखना होगा कि यह जटिल मरम्मत कार्य कितने समय में पूरा होता है और कब यह अत्याधुनिक लड़ाकू विमान दोबारा उड़ान भरने में सक्षम होगा।
ब्रिटिश रॉयल एयर फ़ोर्स का F-35B लड़ाकू विमान, जो HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, पिछले महीने से तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर फंसा हुआ है। दरअसल, 14 जून को केरल तट से 100 समुद्री मील दूर ऑपरेशन करते समय, खराब मौसम और कम ईंधन के कारण इसे आपातकालीन लैंडिंग के लिए तिरुवनंतपुरम की ओर मोड़ना पड़ा था। भारतीय वायु सेना ने इस लड़ाकू विमान की सुरक्षित लैंडिंग में मदद की और ज़रूरी ईंधन व अन्य सामान की सप्लाई भी की।
हालांकि, जब लड़ाकू जेट अपने जहाज पर लौटने की तैयारी कर रहा था, तभी उड़ान से पहले की जांच के दौरान इसमें हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी का पता चला। इस समस्या को काफी गंभीर माना गया, क्योंकि यह जेट के सुरक्षित तरीके से उड़ने और उतरने की क्षमता पर सीधा असर डाल सकती थी। रॉयल नेवी की एक छोटी टीम, जिसमें तीन इंजीनियर शामिल थे, ने इस खराबी को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन समस्या की गंभीरता के कारण वे सफल नहीं हो पाए।
इस जेट को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की कड़ी सुरक्षा में हवाई अड्डे के बे 4 में पार्क किया गया था। शुरुआत में, ब्रिटिश रॉयल नेवी ने केरल में मानसून की भारी बारिश के बावजूद, जेट को हैंगर में ले जाने के एयर इंडिया के प्रस्ताव को मना कर दिया था। लेकिन, बाद में ब्रिटिश नौसेना जेट को हैंगर में ले जाने के लिए तैयार हो गई। अब यह विमान एयर इंडिया के हैंगर में है, जहां यूके से आई विशेषज्ञ टीम इसकी मरम्मत कर रही है।