By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 03, 2019
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान के प्रति अपनी भागीदारी निभाते हुए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के अभियान के लिए एक नई मुहिम के साथ आगे आया है। नियमित सफाई अभियान चलाने के अलावा सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने देश के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यावरण हितैषी तकनीकों से सड़को के निर्माण के निर्देश जारी किए हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में छह सड़कों का निर्माण अपशिष्ट प्लास्टिक सामग्री का उपयोग करके किया जाएगा और इस परियोजना पर काम शुरू हो गया है।
इस तकनीक का इस्तेमाल कर अपशिष्ट प्लास्टिक को पर्यावरण से अनुकूल तरीके से हटाया जाएगा जो कि अन्यथा चिंता का एक प्रमुख कारण होता है। बीआरओ उन पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण करता है जहां नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा स्थानीय समुच्चय और रेत जैसी निर्माण सामग्री का उपयोग करने पर रोक लगाया गया है। बीआरओ पुराने पारंमपरिक तरीकों से हटकर नवीन आधुनिक तकनीकों को अपनाकर सड़कों का निर्माण करता है जिसमे गैर विषैले रसायन, पॉलिमर, एंजाइम आदि शामिल है।
बड़े पैमाने पर ढलान स्थिरीकरण और फुटपाथ के निर्माण के लिए जियोसिंथेटिक और तकनीकी वस्त्र सामग्रियों का भी उपयोग किया जा रहा है। स्वच्छ प्रौद्योगिकी का उपयोग कर बीआरओ पर्यावरण के अनुकूल तरीके से राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रभावी रूप से योगदान कर रहा है ताकि स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।