By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 27, 2020
पणजी। गोवा विधानसभा में सोमवार को शोर शराबे के बीच बजट पारित हो गया। इससे पहले विपक्ष की ओर से लाए गए स्थगन प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया। नेता प्रतिपक्ष दिगंबर कामत की ओर से दिन भर के कामकाज को स्थगित कर कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा करने संबंधी लाए गए प्रस्ताव को सदन के अध्यक्ष राजेश पटणेकर द्वारा खारिज किए जाने के बाद विपक्ष के विधायकों ने सदन के वेल में आकर हंगामा किया। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) और कांग्रेस के विधायकों के साथ एक निर्दलीय विधायक ने स्थगन प्रस्ताव को अनुमति दिए जाने की मांग की लेकिन पिछले सत्र के दौरान छह फरवरी को पेश किए गए 21,056 करोड़ रुपये के बजट को विधानसभा में पारित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि दिन भर की कार्यवाही समाप्त होने के बाद कोविड-19 महामारी पर चर्चा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सदन में अनुमानित बजट पेश किया गया है महामारी से मुकाबले की जरूरतों को देखते हुए इसे पारित करना आवश्यक था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह आने वाले दिनों में आर्थिक स्थिति के सामान्य होने के प्रति आशावान हैं। सदन ने कई अन्य विधेयक ध्वनि मत से पारित कर दिए। बाद में विपक्षी दलों के विधायकों ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात कर उनसे सदन के एक दिवसीय सत्र के दौरान हुए कामकाज को मंजूरी न देने का आग्रह किया। कामत, जीएफपी अध्यक्ष विजय सरदेसाई, एमजीपी विधायक सुदिन धवलीकर और निर्दलीय विधायक रोहन खूंटे ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जिसमें बजट को पारित कराने को “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया गया है।