परमाणु जलवायु समझौता रद्द कर दूंगा: डोनाल्ड ट्रंप

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 13, 2016

वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि वह चुनाव जीत जाते हैं तो वह ऐतिहासिक पेरिस समझौता रद्द कर देंगे क्योंकि इस समझौते से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 53 खरब डॉलर का नुकसान होगा। ट्रंप ने फ्लोरिडा में एक चुनावी रैली में कहा कि वह पूरे अमेरिका में नौकरियां पैदा करेंगे और लोगों, खासकर किसानों को सस्ती ऊर्जा मुहैया कराएंगे।

 

70 वर्षीय ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं पर्यावरण संबंधी कई बातों में भरोसा करता हूं। आप मानिए या न मानिए, लोग हैरान होंगे- मैंने पर्यावरण संबंधी कई पुरस्कार जीते हैं। कई। लेकिन हिलेरी द्वारा समर्थित पेरिस समझौते से हमारे देश को एक समय बाद और 53 खरब डॉलर का नुकसान होगा और इससे बिजली की कीमतें आसमान छूने लगेंगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम यह समझौता रद्द करेंगे ताकि कंपनियां प्रतिस्पर्धा कर सकें। हम स्वच्छ सुंदर हवा चाहते है। हम एकदम साफ पानी चाहते हैं। हम यह चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हम विश्व भर में कारोबार कर सकें। हम नहीं चाहते कि राष्ट्रपति जो मूखर्तापूर्ण समझौते कर रहे हैं, हम उनके कारण प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएं।’’ ट्रंप ने कहा कि वह ऊर्जा भंडार में 500 खबर डॉलर के द्वार खोलेंगे जिससे अमेरिका भर में कई नई नौकरियां पैदा होंगी। इससे किसानों और हर किसी को सस्ती ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम हमारे इस्पातकर्मियों की भलाई के लिए काम करेंगे जो चीन की तरफ से दबाव में हैं और हम हमारे खनिकों की भलाई के लिए काम करेंगे जिन्हें व्यावहारिक रूप से कारोबार से दूर रखा जा रहा है।’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘ओबामा-हिलेरी के सहयोगियों ने जलवायु कार्यक्रमों पर 50 अरब डॉलर खर्च किए जबकि उन्हें यह राशि फसलों को खतरा पहुंचाने वाली बीमारियों से लड़ने में फ्लोरिडा के किसानों की मदद करने के लिए प्रयोग करनी चाहिए थी और ऐसा सभी जगह हो रहा है।’’

 

प्रमुख खबरें

जोफ्रा आर्चर की टी20 वर्ल्ड कप में वापसी: इंग्लैंड की 15 सदस्यीय टीम का ऐलान

Eden Gardens टेस्ट पिच पर आईसीसी की मुहर, गुवाहाटी को मिला ‘बहुत अच्छा’ दर्जा

नाइजीरिया में जोशुआ की कार ट्रक से टकराई, दो टीम सदस्यों की मृत्यु, चैम्पियन एंथनी अस्पताल में भर्ती

Investment bankers की बम्पर कमाई: 2025 में IPO से ₹4113 करोड़ की फीस, पिछले साल का रिकॉर्ड टूटा