Health Tips: कैंसर मरीजों के लिए दवा ही नहीं, अपनों का साथ भी है संजीवनी, बढ़ाती है ठीक होने की उम्मीद

By अनन्या मिश्रा | Sep 25, 2025

कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है, जो मरीज को शारीरिक के साथ-साथ मानसिक नुकसान भी पहुंचाती है। कैंसर के कई कारक हैं, जिनमें खानपान, लाइफस्टाइल, वायु प्रदूषण और रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक की बढ़ती उपयोगिता शामिल है। जब कोई व्यक्ति कैंसर जैसी बीमारी से जूझता है, तो उसको ठीक होने के लिए न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक लड़ाई भी लड़नी होती है। कैंसर के इलाज के दौरान कई तरह की थेरेपीज, लेजर ट्रीटमेंट और दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। कैंसर के मरीज को पूरी तरह से स्वस्थ होने में सालों का समय लग जाता है।


इसलिए कैंसर के मरीजों के लिए इलाज, थेरेपी और दवाओं के साथ-साथ अपनों का साथ बहुत जरूरी होता है। हालांकि जब भी कैंसर के मरीजों का मानसिक साथ देने की बात आती है, तो परिवार वाले, दोस्तों और रिश्तेदार इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि आखिरकार वह मरीज का मनोबल कैसे बढ़ाएं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको इस बारे में जानकारी देने जा रहे हैं कि आप कैंसर मरीज को मनोबल कैसे बढ़ा सकते हैं।

इसे भी पढ़ें: नवरात्रि व्रत में ऐसे रहें फिट और एक्टिव! इन सुपरफूड्स से मिलेगी दिनभर भरपूर ऊर्जा


अकेले की लड़ाई नहीं है कैंसर

डॉक्टर की मानें, तो किसी भी तरह के कैंसर के इलाज के दौरान मरीज को तमाम तरह की मानसिक परेशानियों से गुजरना होता है। कीमो और अन्य रेडिएशन थेरेपी के दौरान होने वाली घबराहट, सही न होने का डर, भविष्य क्या होगा और कभी-कभी जीवन से हार मान लेना आदि भावनाएं मरीज के दिल और दिमाग में हर समय घूमती रहती है। ऐसे में दोस्त और परिवार के लोग अगर मरीज का हाथ थामकर यह कहते हैं कि वह उनके साथ खड़े हैं, तो मरीज के लिए यह लड़ाई थोड़ा सा आसान हो जाती है।


कैंसर के मरीजों को ऐसे दें मेंटल सपोर्ट

कैंसर के मरीज मन ही मन यह बात मान लेते हैं कि इस बीमारी का कोई सटीक इलाज नहीं है। इस दौरान इनको ऐसे व्यक्ति की जरूरत होती है, जो बिना किसी सलाह, टोक और बहस के उनकी बातों को सुनें। इलाज के दौरान मरीज के मन की बातों को सुनना इलाज का एक बेहतरीन तरीका साबित हो सकता है।


वर्तमान समय में कैंसर का इलाज 100% संभव है। हालांकि इसके प्रति अभी भी लोगों में जागरुकता की कमी देखी जाती है। इसलिए मरीज को हमेशा इस बात का विश्वास दिलाते रहना चाहिए कि उनका इलाज हो सकता है और वह हर बुरी परिस्थिति में इस जंग को जीत सकते हैं। परिवार और दोस्तों द्वारा इस मुश्किल समय में कहे गए छोटे-छोटे शब्द मरीजों के मानसिक बल और आत्मविश्वास को बढ़ाने का काम करते हैं।


कई बार कैंसर के इलाज के दौरान मरीजों को असहनीय दर्द, चिड़चिड़ेपन और गुस्से की परेशानी से गुजरना पड़ता है। इस स्थिति में परिवार वालों को जज्बातों को समझना चाहिए। क्योंकि इस मुश्किल वक्त में परिवार द्वारा कहे गए जैसे आप इस जंग को जीत सकते हो, आप मजबूत हो, क्यों परेशान होते हो, हम हैं न साथ जैसे प्यार के शब्द मरीज के गुस्से और दर्द को शांत करने में मददगार साबित हो सकते हैं।


कैंसर सेल्स शरीर के इम्यून सिस्टम को काफी ज्यादा कमजोर कर देती हैं। ऐसी स्थिति में मरीज के शारीरिक बनावट में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसी कठिन परिस्थितियों में परिवार वालों को उनके लुक्स की बुराई नहीं करनी चाहिए। बल्कि परिवार के सदस्यों को समझाना चाहिए कि यह कुछ समय की बात है।


एक्सपर्ट का भी मानना है कि भले ही इलाज डॉक्टर करते हैं, लेकिन मरीज को हौसला अपनों से मिलता है। कैंसर से ठीक होने में रेडिएशन, कीमोथेरेपी और सर्जरी की जितनी भूमिका है, उससे कहीं ज्यादा अपनों का साथ, परिवार का प्यार और भावनात्मक जुड़ाव जरूरी होता है। जब कैंसर मरीज के साथ कोई अपना हाथ पकड़कर खड़ा होता है, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है। यह चीजें मरीज की रिकवरी में मददगार साबित होती है।

प्रमुख खबरें

PCOD में हार्मोनल असंतुलन? इन सुपरफूड्स से पाएं राहत, जानें क्या है डाइट में बदलाव

लंबी अटकलों पर विराम, Smriti Mandhana ने मंगेतर Palash Muchhal संग शादी कैंसिल की

Overnight Beauty Hacks: सोने से पहले अपनाएं ये ब्यूटी हैबिट्स, दमकने लगेगी आपकी स्किन

Health Tips: पसंदीदा खाना भी खाएं और बिंज ईटिंग भी रोकें, जानें स्मार्ट तरीका