छत्तीसगढ़ सीएम बघेल ने RSS की तुलना नक्सलियों से की, प्रज्ञा ठाकुर ने कहा- हिन्दू और देश आरएसएस के कारण ही सुरक्षित

By रेनू तिवारी | Oct 14, 2021

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना नक्सलियों से किए जाने पर भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उन्हें करारा जवाब दिया है। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि आज हिन्दू और देश आरएसएस के कारण ही सुरक्षित है। भूपेश बघेल को दिए इस जवाब के कांग्रेस खेमें में हड़कंप मच गया है। 

 

प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान पर कांग्रेस को आपत्ति

कांग्रेस के नेता केके मिश्रा ने अपनी सोशल मीडिया परोस्ट में लिखा कि बकौल प्रज्ञासिंह ठाकुर देश सुरक्षित है तो RSS के कारण! क्या हमारी सीमा पर सभी धर्मों की रेजिमेंट के बहादुर व शहीद सैनिक बुज़दिल व गद्दार हैं? यह पूछने की हिम्मत है आपमें कि 96 सालों में संघ का पंजीयन,बायलॉज,सदस्यता सूची कहाँ है, डर है कहीं आप जैसा हश्र अन्य अतिवादियों का न हो? ”

 

 भूपेश बघेल ने की थी नक्सलियों से आरएसएस की तुलना

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना नक्सलियों से करते हुए कहा कि जिस तरह से छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों को दूसरे राज्यों में बैठे उनके वरिष्ठ नेता निर्देशित करते हैं, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ के आरएसएस कार्यकर्ताओं को नागपुर से संचालित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर शहर में आरएसएस का मुख्यालय है। राजधानी रायपुर के हैलीपैड पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश में कोयले की कमी को छिपाने की कोशिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कवर्धा हिंसा की निष्पक्ष जांच होगी। उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में आरएसएस के लोगों का 15 साल तक (भारतीय जनता पार्टी के शासन में) कोई काम नहीं हुआ। वे बंधुआ मजदूर की तरह काम करते रहे, आज इनकी नहीं चलती है। सभी नागपुर से संचालित होते हैं।’’

 

बघेल ने कहा, ‘‘जिस तरह नक्सलियों के नेता आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और दूसरे राज्यों में हैं और यहां के लोग केवल गोली चलाने और गोली खाने का काम करते हैं, उसी तरह आरएसएस की स्थिति भी यही है। यहां आरएसएस के लोगों का कोई बखत नहीं है, जो कुछ है वह नागपुर से करते हैं।’’ बघेल कबीरधाम जिले के मुख्यालय कवर्धा में इस महीने की पांच तारीख को हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई एक रैली के दौरान हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच के लिए राज्य सरकार को राज्यपाल अनुसुइया उइके द्वारा लिखे पत्र के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब इनके (भाजपा के) पास छत्तीसगढ़ में कोई मुद्दा नहीं है। किसानों की बात वह कर नहीं सकते हैं। मजदूरों, आदिवासियों,अनुसूचति जाति के बारे में वह बात नहीं कर सकते हैं। व्यापार और उद्योग के बारे में वह बात नहीं कर सकते हैं। इनकी केवल दो विषय में मास्टरी है। पहला धर्मांतरण और दूसरा सांप्रदायिकता। यह दोनों में ही लड़ाने का काम कर रहे हैं।’’ 

 

मध्यप्रदेश  में नहीं होगी सांडों की नसबंदी

मध्यप्रदेश में चल रहे सांडों की नसबंदी के अभियान को बुधवार को निरस्त किये जाने के कुछ ही देर बाद भोपाल लोकसभा सीट की भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने संदेह जताया कि देशी गोवंश को खत्म करने की साजिश के तहत यह नसबंदी का अभियान चलाया गया था। ठाकुर ने बुधवार रात को यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सांडों की नसबंदी की जा रही थी और उसका आदेश मुझे देखने में आया। मैंने तुरंत उस पर कार्रवाई की और प्रदेश के मुख्यमंत्री (शिवराज सिंह चौहान) और प्रदेश के पशुपालन मंत्री (प्रेम सिंह पटेल) को अवगत कराया और आज वो आदेश निरस्त हुआ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगता है कि कहीं ने कहीं ये (सांडों की नसबंदी कराने का आदेश) कोई आंतरिक षड्यंत्र है और इसमें सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि देशी गोवंश को तो कभी कोई नष्ट नहीं कर सकता और करना भी नहीं चाहिए।’’

 

ठाकुर ने कहा, ‘‘ऐसे कैसे हुआ, यह जांच का विषय तो है। मैं इसमें मुख्यमंत्री जी से जांच करने के लिए आग्रह करूंगी कि जांच करवाइये और ऐसा कब से, क्यों और किसलिए हो रहा है? ये जो देशी गोवंश है, इसके साथ इतना अत्याचार क्यों? ऐसे आदेश दोबारा कभी न हों।’’ इस बीच, राज्य के पशुपालन विभाग ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सांडों की नसबंदी अभियान रोकने के आदेश को साझा किया। पशुपालन विभाग के संचालक आर के मेहिया की ओर से जारी आदेश में विभाग के सभी उप संचालकों को कहा गया है कि चार अक्टूबर से शुरू हुए सांडों की नसबंदी का अभियान तत्काल रोक दिया गया है।


प्रमुख खबरें

What is Delhi Liquor Policy case Part 6| शराब घोटाले में के कविता का नाम कैसे आया? | Teh Tak

Palmistry: पैरों की रेखाएं देखकर जान सकते हैं अपना भाग्य, इस तरह के पैर होते हैं शुभ

What is Delhi Liquor Policy case Part 5| | PMLA में जमानत मिलना इतना कठिन क्यों? Teh Tak

What is Delhi Liquor Policy case Part 4| जेल से सरकार चलाने पर कानून क्या कहता है?| Teh Tak